कोलकाता के इंजीनियरिंग संस्थान ने किया था इन्कार
नई दिल्लीः नेशनल इंस्टीट्यूट आफ ओपन स्कूलिंग (एनआइओएस) से पढ़े छात्रों को दाखिला देने में आनाकानी करने वाले इंजीनियरिंग सहित देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) ने कड़ी फटकार लगाई है। कहा है कि वे एनआइओएस से दसवीं और बारहवीं पास करने वाले छात्रों को दाखिला देने से मना नहीं कर सकते। सीबीएसई, आइसीएसई की तरह शिक्षा मंत्रालय से संबद्ध यह भी एक स्वायत्त स्कूली बोर्ड है। इसके पाठ्यक्रम और प्रमाण पत्र पूरी तरह से प्रमाणिक और वैध हैं।
यूजीसी और एआइसीटीई ने इंजीनियरिंग सहित देशभर के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को यह निर्देश तब दिया है, जब कोलकाता के एक इंजीनियरिंग संस्थान ने एक छात्र को सिर्फ इस आधार पर दाखिला देने से मना कर दिया था कि वह एनआइओएस से पढ़ कर आया है। छात्र ने संस्थान के इस रवैये के खिलाफ एआइसीटीई से शिकायत की और न्याय की मांग की। इसके बाद एआइसीटीई ने पूरे मामले की जांच के बाद संबंधित संस्थान को दाखिला देने का निर्देश दिया। साथ ही यूजीसी व एआइसीटीई ने देशभर के सभी इंजीनियरिंग सहित उच्च शिक्षण संस्थानों को एनआइओएस से पढ़ने वाले छात्रों को दाखिला देने से मना न करने के निर्देश दिए।
एआइसीटीई ने संस्थानों को दिए निर्देश में साफ कहा है कि एनआइओएस से पास छात्रों को भी दूसरे स्कूल बोर्डों के तहत तय मापदंडों को पूरा करने पर दाखिला दिया जाए। एनआइओएस का सर्टिफिकेट सभी विश्वविद्यालयों व उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिए मान्य है। यदि कोई उच्च शिक्षण संस्थान इसका पालन नहीं करेगा तो इसे दिशा-निर्देशों का उल्लंघन माना जाएगा। ओपन बोर्ड से हर साल करीब 16 लाख छात्र 10वीं व 12वीं परीक्षा पास करते हैं।
0 comments:
Post a Comment