NTA ने नोटिस जारी करके JEE, NEET और CUET प्रवेश परीक्षा में बैठने वाले छात्रों को किया अलर्ट, जानिए क्यों?
नई दिल्ली । नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने जेईई, नीट यूजी और सीयूईटी जैसी बड़ी प्रवेश परीक्षाओं के लिए छात्रों से 10वीं के ब्योरे के अनुसार अपना आधार कार्ड अपडेट करने को कहा है। इसका मकसद प्रवेश परीक्षा में होने वाले फर्जीवाड़े पर नकेल कसना बताया जा रहा है।
एनटीए ने नोटिस जारी करके प्रवेश परीक्षा में बैठने वाले छात्रों को अलर्ट कर दिया है। अगर आधार में कुछ गड़बड़ है तो अभी ठीक कर लें। एनटीए ने कहा है कि आधार कार्ड और 10वीं की मार्कशीट में नाम, जन्मतिथि आदि विवरण एक जैसे होने चाहिए। गलत विवरण पर आवेदन निरस्त हो सकता है।
कई छात्रों के आधार में स्पेलिंग या जन्मतिथि गलत होती है, तो आधार केंद्र जाकर उसे अपडेट करवा लें। पता भी सही दर्ज होना चाहिए क्योंकि उसके आधार पर केंद्र का आवंटन संभव है। एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस या दिव्यांग छात्रों को अपना कैटेगरी सर्टिफिकेट अपडेट रखने को कहा गया है। एनटीए का कहना है कि ऑनलाइन आवेदन से पहले आधार चेक कर लें क्योंकि बाद में परिवर्तन संभव नहीं होगा।
JEE, NEET, CUET में आधार कार्ड से होगा केंद्र आवंटन, अपनी मर्जी से परीक्षा केंद्र नहीं चुन सकेंगे उम्मीदवार
नई दिल्ली। जेईई, नीट यूजी और सीयूईटी यूजी की परीक्षा में उम्मीदवारों को परीक्षा केंद्र अब आधार कार्ड में लिखे पते के आधार पर ही आवंटित किया जाएगा। अब परीक्षार्थी अपनी मर्जी से किसी भी राज्य या शहर में परीक्षा केंद्र नहीं मांग सकेंगे।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने छात्रों और अभिभावकों के नाम एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर यह जानकारी दी है। इसके मुताबिक, ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही छात्र अपने आधार कार्ड के पते में जरूरी बदलाव कर लें। आवेदन प्रक्रिया के बाद इसमें बदलाव संभव नहीं होगा।
एनटीए के परीक्षा निदेशक की ओर से जारी इस नोटिस में कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र 2026-27 में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय दाखिला परीक्षा की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। शुरुआत जेईई मेन-2026 की जनवरी सत्र की परीक्षा से होगी। इसलिए परीक्षार्थियों को सलाह दी जाती है कि वे आधार कार्ड में कोई जरूरी बदलाव करना चाहते हैं, तो पहले कर लें। आधार कार्ड व दसवीं कक्षा के सर्टिफिकेट में उनकी जन्मतिथि, नाम व अन्य सूचनाएं समान होनी चाहिए। भिन्नता होने पर आवेदन पत्र रद्द हो जाएगा। इसके अलावा इन राष्ट्रीय दाखिला परीक्षाओं का परीक्षा केंद्र अब आधार में दिए गए पते के आधार पर ही मिलेगा। इसलिए आधार का पता भी जांच लें।
आरक्षित वर्ग के विद्यार्थी सर्टिफिकेट तैयार रखें :
दिव्यांग और एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस (आरक्षित वर्ग) के छात्रों को सलाह दी गई है कि वे अपने अपडेट सर्टिफिकेट तैयार रखें। इनमें सभी सूचनाएं आधार और दसवीं के सर्टिफिकेट से मिलती होनी चाहिए। ऑनलाइन आवेदन पत्र भरने के बाद इन सर्टिफिकेट में बदलाव नहीं किया जा सकता है।
JEE मेंस 2026 के लिए ऑनलाइन आवेदन इसी हफ्ते, कोचिंग पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से परीक्षाओं की कठिनाई की हो रही समीक्षा
जनवरी और अप्रैल सत्र की परीक्षा के लिए प्रक्रिया शुरू होगी
नई दिल्ली। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) जेईई मेन 2026 के जनवरी और अप्रैल की परीक्षा के लिए इस हफ्ते के आखिरी तक ऑनलाइन आवेदन विंडो खोलने जा रही है। एनटीए ने छात्र-छात्राओं को आधार कार्ड, दिव्यांगता और आरक्षित वर्ग (एससी-एसटी, ओबीसी, ईडल्यूएस) के सर्टिफिकेट तैयार रखने का निर्देश दिया है।
परीक्षा में सफल विद्यार्थियों को देशभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र 2026-27 में स्नातक में दाखिले का मौका मिलेगा। एनटीए के परीक्षा विभाग के निदेशक ने नोटिस जारी कर बताया है कि एक बार ऑनलाइन आवेदन पत्र भरने के बाद विद्यार्थी आधार कार्ड और दिव्यांगता एवं आरक्षित वर्ग की जानकारियों में सुधार नहीं कर सकेंगे।
तैयारीः जेईई-नीट में 12वीं की परीक्षा जैसे प्रश्न होंगे
नई दिल्ली। केंद्र सरकार जेईई, नीट जैसी परीक्षाओं की कठिनाई की समीक्षा करने जा रही है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि इन परीक्षाओं की कठिनाई का स्तर 12वीं के सिलेबस जैसा हो, ताकि छात्रों को कोचिंग संस्थानों पर निर्भर न रहना पड़े। सूत्र के अनुसार, कोचिंग से जुड़े मुद्दों की जांच के लिए गठित विशेषज्ञ समिति से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर यह समीक्षा की जाएगी।
समिति यह अध्ययन करने के लिए आंकड़ों का विश्लेषण कर रही है कि क्या परीक्षाओं का कठिनाई स्तर 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम के कठिनाई स्तर के अनुरूप है। वहीं कुछ अभिभावकों और कोचिंग संस्थानों के संकाय सदस्यों का मानना है कि दोनों के बीच तालमेल नहीं है, जिससे कोचिंग पर निर्भरता अंततः बढ़ जाती है।
शिक्षा मंत्रालय ने जून में कोचिंग संस्थानों, डमी स्कूल, प्रवेश परीक्षाओं की प्रभावशीलता एवं निष्पक्षता से संबंधित मुद्दों की जांच के लिए नौ सदस्यीय समिति का गठन किया था। सूत्र ने बताया कि समिति वर्तमान स्कूली शिक्षा प्रणाली में मौजूद उन खामियों की जांच करेगी, जिनके कारण छात्र कोचिंग संस्थानों पर निर्भर हो जाते हैं।
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