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Wednesday, October 1, 2025

PGT के बाद टल सकती है TGT की भी भर्ती परीक्षा


PGT के बाद टल सकती है TGT की भी भर्ती परीक्षा

इस्तीफा से पूर्व अध्यक्ष प्रो. कीर्ति पाण्डेय ने घोषित की है तिथि

पुरानी तैयारी पर नए पूर्णकालिक अध्यक्ष का परीक्षा कराना मुश्किल

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग शिक्षक भर्तियां कराने की जगह परीक्षा तिथि घोषित कर उसे टालने के लिए चर्चा में है। आयोग की पहली पूर्णकालिक अध्यक्ष प्रो. कीति पाण्डेय अपने एक वर्ष के कार्यकाल में वर्ष 2022 की प्रवक्ता संवर्ग (पीजीटी) एवं प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) भर्ती के लिए चार बार तिथि घोषित करने के बाद भी परीक्षा नहीं करा सकीं। उनके पद से इस्तीफा देने के बाद कार्यवाहक अध्यक्ष राम सुचित ने बैठक कर 15 एवं 16 अक्टूबर को प्रस्तावित पीजीटी परीक्षा स्थगित कर दी। आयोग को नया पूर्णकालिक अध्यक्ष नवंबर में मिलने की उम्मीद है। नए अध्यक्ष द्वारा पुरानी तैयारी पर 18 एवं 19 दिसंबर को परीक्षा कराना अभी मुश्किल लग रहा है।

टीजीटी के 15 विषयों के लिए जनवरी 2022 के भर्ती विज्ञापन पर 8.68 लाख अभ्यर्थी आवेदन कर परीक्षा कराए जाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। पीजीटी की तरह टीजीटी भर्ती परीक्षा आयोजन के लिए भी चार बार तिथि घोषित की गई, लेकिन परीक्षा नहीं कराई जा सकी। अब पांचवी तिथि 18 एवं 19 दिसंबर प्रस्तावित है। 

इस्तीफा देने से पहले यह तिथि प्रो. कीर्ति पाण्डेय की अध्यक्षता में हुई आयोग की बैठक में लिए गए निर्णय के बाद प्रस्तावित की गई थी। अब चूंकि आयोग में परिस्थितियां बदल चुकी हैं और नए अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए 21 अक्टूबर तक अभ्यर्थियों से आवेदन लिए जा रहे हैं। 

जानकारों का मानना है कि किसी पुराने अध्यक्ष के निर्णय के क्रम में की गई तैयारी पर नए अध्यक्ष द्वारा शिक्षक भर्ती परीक्षा कराए जाने का निर्णय लिए जाने की उम्मीद कम है। इस तरह टीजीटी की परीक्षा भी स्थगित की जा सकती है और नए अध्यक्ष के चयन के बाद दोनों परीक्षाओं के आयोजन की रुपरेखा निर्धारित करते हुए एजेंसियों का चयन कर परीक्षा की नई तिथि प्रस्तावित की जा सकती है।




अध्यक्ष की विदाई के तीन दिन बाद टाली गई परीक्षा, अब 18 व 19 दिसम्बर को प्रस्तावित

आयोग ने पांचवीं बार टाली PGT की लिखित परीक्षा, 15 व 16 अक्टूबर को थी प्रस्तावित, परीक्षा स्थगित होने से बिफरे अभ्यर्थी, बोले - आर्थिक मानसिक नुकसान हो रहा

आयोग की अध्यक्ष कीर्ति पांडेय के त्यागपत्र के बाद उपजे हालात भी बड़ी वजह


प्रयागराजप्रवक्ता (पीजीटी) भर्ती परीक्षा के बार-बार स्थगित होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। तीन वर्षों से इंतजार कर रहे लाखों अभ्यर्थियों के लिए सोमवार को एक और झटका तब लगा जब उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग ने चौथी बार परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की। आयोग के अनुसार 15 और 16 अक्टूबर को प्रस्तावित परीक्षा अब अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दी गई है।


हालिया घटनाक्रम में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की अध्यक्ष कीर्ति पांडेय के त्यागपत्र से उपजे हालातों को भी इस परीक्षा के टलने की बड़ी वजह माना जा रहा है। हालांकि पीजीटी भर्ती परीक्षा के बार-बार स्थगन ने न केवल लाखों युवाओं के भविष्य को अधर में लटका दिया है, बल्कि यह भर्ती व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न भी खड़ा कर रहा है। अब अभ्यर्थियों को नई तिथि का इंतजार है। पीजीटी भर्ती-2022 में कुल 624 पदों के लिए लगभग 4.50 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है।

आवेदन प्रक्रिया जुलाई 2022 में ही पूरी हो चुकी थी। आवेदन प्रक्रिया समाप्त होने के तीन साल बाद जाकर परीक्षा की तिथि घोषित की गई, लेकिन उसके बाद से परीक्षा आयोजित होने के बजाय केवल तिथियां बदलती रही हैं। परीक्षा पहले इस वर्ष 11 और 12 अप्रैल को प्रस्तावित थी, जिसे बाद में 20 और 21 जून पर टाला गया। इसके बाद पुनः 18 और 19 जून की नई तिथियां जारी हुईं, लेकिन वह भी रद कर दी गईं।

इसके बाद अगस्त में परीक्षा की बात कही गई, मगर तिथि नहीं घोषित हुई। फिर 15 और 16 अक्टूबर को परीक्षा तय की गई, जिसे अब फिर स्थगित कर दिया गया है। यानी कुल मिलाकर चार बार परीक्षा स्थगित हो चुकी है। कई उम्मीदवारों ने सवाल उठाया है कि आखिर इतनी बार परीक्षा स्थगित करने के पीछे वास्तविक कारण क्या हैं? 


तीन वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद भी आयोग परीक्षा आयोजन की ठोस तैयारी क्यों नहीं कर पा रहा है?

अभ्यर्थियों का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में इस तरह की लंबी देरी से न केवल उनकी तैयारी प्रभावित हो रही है, बल्कि आयु सीमा पार करने का भी खतरा बढ़ गया है। अभ्यर्थियों ने कहा कि हर बार तारीख बदल जाती है। इस असमंजस में मानसिक और आर्थिक दोनों तरह का दबाव झेलना पड़ रहा है। बार-बार परीक्षा का टलना यह संकेत है कि प्रशासनिक स्तर पर गंभीर कमियां और समन्वय की कमी बनी हुई है। हालांकि आयोग का कहना है कि नई परीक्षा तिथि जल्द घोषित की जाएगी, लेकिन बार-बार की जा रही स्थगन से अभ्यर्थियों का सब्र अब टूटने लगा है।


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