प्रयागराज, कर्मचारी चयन आयोग ने अपनी परीक्षाओं में नकल आदि अनुचित साधनों के इस्तेमाल पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाते हुए अभ्यर्थियों को सख्त चेतावनी दी है। कहा है कि किसी भी प्रकार की अनुचित गतिविधि में लिप्त पाए जाने पर न केवल अभ्यर्थियों का अभ्यर्थन रद्द किया जाएगा, बल्कि उसे भविष्य की परीक्षाओं से वंचित किया जाएगा।
इसके साथ ही, ऐसे मामलों में लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आयोग ने चेतावनी दी है कि कंप्यूटर आधारित परीक्षाओं में धोखाधड़ी रोकने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का सहारा लिया जा रहा है। परीक्षा के कंप्यूटर सिस्टम को दूर से नियंत्रित करने की कोशिश को उन्नत तकनीक के माध्यम से पकड़ा जा रहा है। पंजीकरण के समय आधार सत्यापन, बायोमीट्रिक्स और चेहरे की पहचान के लिए तकनीक का सहारा ले रहे हैं। परीक्षा के दौरान अदला-बदली की कोशिश, चिट पास करने या बाहरी सहायता लेने वालों की सीसीटीवी कैमरे और एआई विश्लेषण प्रणाली से निगरानी की जा रही है।
आयोग ने साफ किया है कि कई बार तकनीकी निगरानी के माध्यम से किसी अभ्यर्थी की अनुचित गतिविधि पकड़े जाने पर परीक्षा के दौरान कोई व्यवधान नहीं डाला जाता, ताकि अन्य ईमानदार अभ्यर्थियों को परेशानी न हो। हालांकि बाद में इलेक्ट्रॉनिक सबूतों के आधार पर संबंधित उम्मीदवार का स्कोर रद्द कर दिया जाएगा और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिन अभ्यर्थियों को नकल का दोषी पाया गया है, उनकी सूची आयोग की अधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक की जा चुकी है और भविष्य में भी की जाती रहेगी।
इन बातों का रखें ध्यान
-उत्तरों को एक साथ अंत में हल करने के लिए रफ शीट पर पहले से न लिखें। इसे ‘फास्ट आंसरिंग’ माना जाएगा और संदेहास्पद माना जा सकता है।
-परीक्षा के दौरान अन्य अभ्यर्थियों से बात न करें और उनके कंप्यूटर स्क्रीन की ओर न देखें।
-आधार बायोमीट्रिक्स लॉक न करें, क्योंकि विभिन्न चरणों पर बायोमीट्रिक सत्यापन अनिवार्य है।
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