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Wednesday, September 24, 2025

वर्ष 2028–29 तक मेडिकल में स्नातक व पीजी की 10,023 सीटें बढ़ेंगी, कैबिनेट की मंजूरी

वर्ष 2028–29 तक मेडिकल में स्नातक व पीजी की 10,023 सीटें बढ़ेंगी, छात्रों को मिलेंगे ज्यादा अवसर

कैबिनेट की मंजूरी : एमबीबीएस की 5,023 और स्नातकोत्तर की 5,000 सीटें इनमें शामिल, 15,034.50 करोड़ रुपये होंगे खर्च

डॉक्टरों और विशेषज्ञों की उपलब्धता बढ़ेगी स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में होगा सुधार


नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में 10,023 सीटें बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। इनमें एमबीबीएस यानी स्नातक पाठ्यक्रमों में 5,023 और स्नातकोत्तर यानी पीजी पाठ्यक्रमों में 5,000 सीटें बढ़ेंगी। इससे विद्यार्थियों को जहां ज्यादा अवसर मिलेंगे, वहीं देश में डॉक्टरों व विशेषज्ञों की उपलब्धता बढ़ेगी और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) के तीसरे चरण को मंजूरी दे दी गई। इसके तहत केंद्र और राज्य सरकार के मेडिकल कॉलेजों, स्वायत्त स्नातकोत्तर संस्थानों एवं सरकारी अस्पतालों का विस्तार और उन्नयन किया जाएगा। वर्ष 2028-29 तक इस पर कुल 15,034.50 करोड़ रुपये का खर्च होने का अनुमान है। इसमें केंद्र सरकार की 10,303.20 करोड़ एवं राज्यों की हिस्सेदारी 4,731.30 करोड़ रुपये होगी। 

पूरी योजना केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की निगरानी में रहेगी। इस पहल से स्वास्थ्य शिक्षा और प्रशिक्षण की गुणवत्ता वैश्विक मानकों के अनुरूप होगी। विशेषज्ञ डॉक्टर बनने में मदद मिलेगी। विशेषज्ञता वाले डॉक्टरों की संख्या बढ़ने से ग्रामीण एवं दूरदराज क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बेहतर होगी। इसके अलावा विशेष रूप से चिकित्सा शिक्षा, शोध, प्रशासन और सहायक सेवाओं में नौकरी के नए अवसर बनेंगे। स्वास्थ्य प्रणाली की मजबूती से सामाजिक व आर्थिक विकास में भी योगदान मिलेगा।


देश में एमबीबीएस की 1,23,700 सीटें

देश में अभी 808 मेडिकल कॉलेज हैं, जो विश्व में सबसे अधिक हैं। इनमें एमबीबीएस की कुल 1,23,700 सीटें हैं। एक दशक में सीटों में 127 फीसदी की वृद्धि हुई है, जबकि स्नातकोत्तर सीटों में 143 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना में 22 नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भी मंजूर हुए हैं, इनमें से 18 में चिकित्सा शिक्षा व उपचार जारी है।


शोध को बढ़ावा देने के लिए 2,277 करोड़

सरकार ने शोध को बढ़ावा देने के लिए 2,277 करोड़ रुपये की डॉक्टरेट और पोस्ट-डॉक्टरेट फेलोशिप योजना को मंजूरी दी है। योजना के तहत वात्रा व संगोष्ठी अनुदान के माध्यम से ज्ञान साझा करने को बढ़ावा दिया जाएगा। केंद्रीय कैबिनेट ने 15वें वित्त आयोग चक्र 2021-22 से 2025-26 तक के लिए वैज्ञानिक व औद्योगिक अनुसंधान विभाग-वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (डीएसआईआर-सीएसआईआर) के क्षमता निर्माण और मानव संसाधन विकास को मंजूरी दी। सीएसआईआर की ओर से कार्यान्वित इस योजना में सभी अनुसंधान एवं विकास संस्थान, राष्ट्रीय प्रयोगशालाएं, राष्ट्रीय महत्व के संस्थान, प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय शामिल किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, इससे देश के अनुसंधान एवं विकास तंत्र में उत्साह बढ़ेगा, नवाचार के साथ उत्कृष्टता की संस्कृति पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, यह योजना शोधकर्ताओं को प्रशिक्षित करने, वैज्ञानिक प्रतिभा को पोषित करने के साथ ही नवाचार को बढ़ावा देकर अनुसंधान और विकास तंत्र को मजबूत करेगी। प्रख्यात वैज्ञानिकों और प्रोफेसरों के मार्गदर्शन में यह योजना विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं इंजीनियरिंग, चिकित्सा और गणितीय विज्ञान के विकास को बढ़ावा देगी।

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