टीईटी आवेदन शुल्क में वृद्धि प्रस्ताव पर सीएम योगी की नाराजगी पड़ी भारी, शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष पद के लिए 21 अक्टूबर तक आवेदन
प्रयागराजः उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की अध्यक्ष प्रो. कीर्ति पाण्डेय ने अपने एक वर्ष से अधिक के कार्यकाल में कोई नई शिक्षक भर्ती तो नहीं कराई, लेकिन नई शिक्षक भर्तियों के लिए आवेदन शुल्क बढ़ाने के प्रस्ताव जरूर उच्च शिक्षा विभाग को भेजे थे।
इसी में प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए अनिवार्य शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के आवेदन शुल्क में वृद्धि का प्रस्ताव भी था। इसके पहले टीईटी के लिए आवेदन शुल्क 600 रुपये निर्धारित था, जिसे 1700 रुपये करने का प्रस्ताव गया था। इस तरह प्राथमिक और उच्च प्राथमिक यानी दोनों स्तर की टीईटी के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को 3400 रुपये शुल्क देना पड़ता। टीईटी आवेदन शुल्क में वृद्धि के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों नाराजगी जताने के साथ छात्रहित में शुल्क यथावत रखने के निर्देश दिए थे।
लखनऊ। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के नए अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए आवेदन पत्र मांगे गए हैं। आवेदन 21 अक्तूबर तक विशेष सचिव उच्च शिक्षा अनुभाग के नाम से डाक से भेजना होगा। आवेदन के साथ शैक्षणिक व अन्य अभिलेख की स्वप्रमाणित प्रति देनी होगी। अध्यक्ष तीन साल के लिए या 65 साल की आयु तक के लिए नियुक्त होगा। इनको 1.75 लाख वेतन व अन्य भत्ते दिए जाएंगे।
न्यूनतम अर्हता
भारतीय प्रशासनिक सेवा का सदस्य हो या रहा हो, राज्य सरकार के प्रमुख सचिव का पद या उसके समकक्ष पद पर रहा हो
किसी विश्वविद्यालय के कुलपति हो या रहे हों
किसी विश्वविद्यालय में 10 साल तक शिक्षक हो या रहे हों, कम से कम तीन साल का प्रशासनिक अनुभव हो
प्रो. कीर्ति पांडेय ने 22 सितंबर को ही दे दिया था इस्तीफा, एक साल के कार्यकाल में नहीं हो पाई एक भी भर्ती
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की अध्यक्ष प्रो. कीर्ति पांडेय ने इस्तीफा दे दिया है। शुक्रवार को उनका इस्तीफा मंजूर करने के साथ नए अध्यक्ष के चयन के लिए विज्ञापन भी जारी कर दिया गया। नए अध्यक्ष की नियुक्ति तक आयोग के वरिष्ठतम सदस्य राम सुचित कार्यभार देखेंगे। उन्होंने कार्यभार ग्रहण कर लिया है।
प्रो. कीर्ति पांडेय को पिछले वर्ष एक सितंबर को आयोग के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन इस एक साल की अवधि में कोई भर्ती नहीं हो पाई। इस दौरान किसी भर्ती का विज्ञापन भी नहीं निकला। इसके अलावा विज्ञापन संख्या 51 के अंतर्गत असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा के परिणाम को लेकर भी अभ्यर्थियों में नाराजगी है। अभ्यर्थियों की ओर से लगातार आपत्तियां भी दी जा रही हैं।
इसे लेकर प्रो. कीर्ति पांडेय पर काफी दबाव था। माना जा रहा है कि इसी दबाव में उन्होंने 22 सितंबर को शासन को इस्तीफा सौंप दिया था। हालांकि उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा देने की बात कही है जिसे शुक्रवार को मंजूर कर लिया गया।
शासन की ओर से शुक्रवार को इस आशय का आदेश भी जारी कर दिया गया। इसमें आयोग के वरिष्ठतम सदस्य को कार्यभार सौंपे जाने का भी आदेश दिया गया है। इसी क्रम में वरिष्ठतम सदस्य राम सुचित ने कार्यभार संभाल लिया है।
शासनादेश के अनुसार राम सुचित रोजाना के कार्यों को देखेंगे। राम सुचित जिला जज पद से सेवानिवृत्त हैं। उन्होंने पिछले वर्ष अन्य 11 सदस्यों के साथ 14 मार्च को कार्यभार संभाला था। अब उन्हें अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। शासन की ओर से नए अध्यक्ष के चयन के लिए भी विज्ञापन जारी कर दिया गया है। राम सुचित नए अध्यक्ष की नियुक्ति तक इस पद पर रहेंगे।
अध्यक्ष के लिए 21 अक्तूबर तक मांगा गया आवेदन
प्रो. कीर्ति पांडेय का इस्तीफा स्वीकार करने के साथ उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इसके लिए शुक्रवार को विज्ञापन जारी कर आवेदन मांगे गए हैं। 21 अक्तूबर तक विशेष सचिव उच्च शिक्षा कार्यालय में आवेदन दिए जा सकते हैं। अध्यक्ष की नियुक्ति अधिकतम तीन वर्ष के लिए की जाएगी। यदि इससे पहले 65 वर्ष की आयु पूरी हो जाती है तब भी उन्हें पद छोड़ना होगा।
इस पद के लिए प्रमुख सचिव स्तर के प्रशासनिक अफसर, विश्वविद्यालय के कुलपति या तीन वर्ष के प्रशासनिक अनुभव वाले न्यूनतम 10 साल से प्रोफेसर आवेदन कर सकते हैं। प्रो. कीर्ति पांडेय के इस्तीफे के साथ नए अध्यक्ष के नाम को लेकर चर्चा भी शुरू हो गई है। आयोग में इसकी काफी चर्चा है कि मुख्यमंत्री के करीबी अफसर को यह जिम्मेदारी मिलने जा रही है। एक सेवानिवृत्त डीजीपी के नाम की भी चर्चा है। हालांकि विज्ञापन में स्पष्ट किया गया है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसर ही आवेदन कर सकते हैं।
वरिष्ठतम सदस्य राम सुचित को मिली जिम्मेदारी
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के वरिष्ठतम सदस्य राम सुचित ने अध्यक्ष पद का कार्यभार ग्रहण किया।
शासन के निर्देश के क्रम में सहायक आचार्य का साक्षात्कार कराना प्राथमिकता में है। अन्य पदों के लिए भर्ती परीक्षाओं की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। इसके साथ उच्च्च, माध्यमिक, बेसिक और व्यावसायिक शिक्षा आदि विभागों से अधियाचन प्राप्त कर विज्ञापन निकाले जाने की प्रक्रिया शुरू होगी। – राम सुचित अध्यक्ष, उप्र शिक्षा सेवा चयन आयोग
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