भर्ती परीक्षा प्रश्नपत्रों पर सोशल मीडिया में चर्चा की तो होगी कार्रवाई, SSC ने जारी किया नोटिस, उल्लंघन करने पर जुर्माना और जेल की सजा संभव
नई दिल्ली। कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) ने कहा है कि सरकारी नौकरियों के लिए उसकी ओर से आयोजित भर्ती परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों पर सोशल मीडिया पर चर्चा और विश्लेषण किया गया तो कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
एक नोटिस में कहा गया है कि सार्वजनिक परीक्षा (कदाचार की रोकथाम) अधिनियम, 2024 (पीईए अधिनियम, 2024) के प्रावधानों के तहत ऐसी सभी गतिविधियां सख्त तौर पर वर्जित हैं। एसएससी ने अपने नोटिस में अधिनियम के उन प्रावधानों का हवाला दिया, जिनमें जुर्माना और जेल की सजा सहित दंड का प्रावधान है।
नोटिस में कहा गया है, आयोग के संज्ञान में आया है कि कुछ व्यक्ति, कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों की सामग्री पर सोशल मीडिया पर चर्चा, विश्लेषण या प्रसार कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर SSC के प्रश्नपत्र साझा करने पर लग सकता है एक करोड़ तक का जुर्माना! आयोग ने दी चेतावनी, देखें पत्र
कर्मचारी चयन आयोग ने पीईए अधिनियम, 2024 का हवाला देते हुए जारी की चेतावनी
प्रश्नपत्रों की विषयवस्तु पर सोशल मीडिया पर चर्चा, विश्लेषण व प्रसार को बताया प्रतिबंधित
प्रयागराज। कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की ओर से आयोजित या चल रही परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों की विषयवस्तु का सोशल मीडिया पर चर्चा, विश्लेषण या प्रसार करने को अपराध मानते हुए ऐसा करने वालों के खिलाफ सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम, 2024 के तहत कार्रवाई की जाएगी। एसएससी ने अपनी वेबसाइट यह चेतावनी जारी की है।
आयोग के संज्ञान में आया है कि कुछ लोग एसएससी की ओर से आयोजित/चल रही परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों की विषयवस्तु पर सोशल मीडिया पर चर्चा, विश्लेषण या प्रसार कर रहे हैं। सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम, 2024 (पीईए अधिनियम, 2024) के प्रावधानों के तहत ऐसी सभी गतिविधियां पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं। पीईए अधिनियम, 2024 की धारा-तीन के तहत प्रश्नपत्रों, उत्तर कुंजियों या उसके किसी भी भाग के विना प्राधिकार के लीक, प्रकटीकरण, पहुंच, कब्जे या प्रसार पर प्रतिबंध है। ऐसा करने पर इसे अनुचित साधनों का प्रयोग माना जाएगा।
धारा-नौ के तहत यह अपराध संज्ञेय, गैर-जमानती व गैर-शमनीय हैं और धारा 10 के तहत ऐसा करने वाले व्यक्ति को तीन से पांच वर्ष का कारावास व 10 लाख रुपये तक के जुर्माने की सजा हो सकती है। सेवा प्रदाता/संस्थाओं पर एक करोड़ रुपये तक जुर्माना, भविष्य की परीक्षाओं से अयोग्यता और लागत की वसूली का प्रावधान है। इसे संगठित अपराध मानते हुए पांच से 10 वर्ष का कारावास व एक करोड़ रुपये जुर्माने की सजा हो सकती है।
इन धाराओं को हवाला देने हुए एसएससी ने सभी सामग्री निर्माता, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और व्यक्तियों को चेतावनी दी है कि वे किसी भी तरह से एसएससी परीक्षा के प्रश्न पत्रों या उनकी सामग्री पर चर्चा, विश्लेषण या प्रसार में शामिल न हों।
एसएससी का दावा, 93 फीसदी छात्रों को मनपसंद केंद्र आवंटित
प्रयागराज। कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) ने दावा किया है कि संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा, 2025 (टियर-एक) के परीक्षार्थियों को उनके मनपसंद विकल्पों के आधार पर परीक्षा केंद्र आवंटित किए गए हैं। संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा, 2025 (टियर-एक) की कंप्यूटर आधारित परीक्षाएं 12 से 26 सितंबर तक देश के 129 शहरों के 260 केंद्रों पर आयोजित की जा रही हैं। कुल 28,14,604 उम्मीदवारों ने परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया है और उन्हें आवेदन प्रक्रिया के दौरान उनके द्वारा चुने गए विकल्पों के आधार पर परीक्षा केंद्र आवंटित किए गए हैं। 93 प्रतिशत उम्मीदवारों को उनकी पहली/दूसरी/तीसरी पसंद का केंद्र आवंटित किया गया है। शेष उम्मीदवारों को आस-पास के स्थानों में केंद्र आवंटित किए गए हैं और इन उम्मीदवारों के आवेदन पते और जिस शहर में केंद्र आवंटित किए गए हैं, उनके बीच की औसत दूरी लगभग 168 किमी है। ब्यूरो
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