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Tuesday, June 10, 2025

ITI अप्रेंटिस को अब 12,300 रुपये तक स्टाइपेंड, स्टाइपेंड बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार, हर साल 15-25% तक बढ़ोतरी की भी योजना

ITI अप्रेंटिस को अब 12,300 रुपये तक स्टाइपेंड, स्टाइपेंड बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार, हर साल 15-25% तक बढ़ोतरी की भी योजना

1.15 लाख से अधिक विद्यार्थी पंजीकृत हैं उत्तर प्रदेश में


लखनऊ। आईटीआई से प्रशिक्षण लेने वाले विद्यार्थियों को अब अप्रेंटिसशिप के दौरान पहले से ज्यादा स्टाइपेंड मिलेगा। राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (एनएपीएस) के तहत प्रशिक्षण महानिदेशालय ने स्टाइपेंड की राशि बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। नई व्यवस्था लागू होने पर विद्यार्थियों को 6,800 रुपये से लेकर 12,300 रुपये प्रति माह तक स्टाइपेंड दिया जाएगा, जबकि पहले यह राशि 5,000 से 9,000 रुपये के बीच थी।

राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद (एससीवीटी) और केंद्र सरकार की ओर से संयुक्त रूप से यह स्टाइपेंड दिया जाएगा। प्रस्ताव के अनुसार, प्रत्येक वर्ष स्टाइपेंड में 15 से 25 फीसदी तक की वृद्धि की व्यवस्था भी की गई है। राजधानी सहित पूरे उत्तर प्रदेश में 1,15,629 पंजीकृत विद्यार्थियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। इसके लिए संस्थानों को संबंधित विद्यार्थियों की जानकारी अपलोड करनी होगी।


अब अप्रेंटिसशिप के लिए मिलेगा 30 प्रतिशत अधिक स्टाइपेंड, स्वीकृति के लिए कैबिनेट को भेजा जाएगा प्रस्ताव

Apprenticeship Stipend Increase केंद्र सरकार कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षुता कार्यक्रमों को और आकर्षक बनाने का प्रयास कर रही है। सेंट्रल अप्रेंटिसशिप काउंसिल ने पीएम-नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम और नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम के तहत स्टाइपेंड में 30% वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। इससे मासिक स्टाइपेंड 5000-9000 रुपये से बढ़कर 6800-12300 रुपये हो जाएगा।


नई दिल्ली। कौशल विकास को और अधिक रोजगारपरक बनाने के लिए केंद्र सरकार अपने प्रशिक्षुता (अप्रेंटिसशिप) कार्यक्रमों को और लाभदायक-आकर्षक स्वरूप देने का प्रयास कर रही है। इसी दिशा में सेंट्रल अप्रेंटिसशिप काउंसिल (सीएसी) ने पीएम-नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम और नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम के तहत अप्रेंटिसशिप स्टाइपेंड में 30 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव दिया है, जिसे कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय स्वीकृति के लिए केंद्रीय कैबिनेट को भेजेगा।

केंद्रीय प्रशिक्षुता परिषद की 38वीं बैठक सोमवार को कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की अध्यक्षता में नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में हुई। इसमें परिषद के सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि अप्रेंटिसशिप में ड्रापआउट दर को कम करने और विभिन्न क्षेत्रों में अधिक उम्मीदवारों को आकर्षित करने के लिए स्टाइपेंड को बढ़ाया जाना चाहिए।

केंद्रीय कैबिनेट को भेजा जाएगा प्रस्ताव
विस्तृत चर्चा के बाद इस पर सहमति बन गई कि प्रशिक्षुओं का वजीफा यानी स्टाइपेंड 30 प्रतिशत तक बढ़ाया जाना चाहिए। इस तरह मासिक स्टाइपेंड सीमा 5000-9000 रुपये से बढ़कर 6800-12300 रुपये हो जाएगी। स्टाइपेंड वृद्धि को जुलाई में वेतन वृद्धि चक्र के साथ इसे जोड़ते हुए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में परिवर्तनों के आधार पर द्विवार्षिक रूप से स्वचालित रूप से समायोजित करने का प्रस्ताव है। तय हुआ कि इस प्रस्ताव को स्वीकृति के लिए केंद्रीय कैबिनेट को भेजा जाएगा।

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