पुलिस भर्ती परीक्षा : 20 हजार अभ्यर्थी संदेह के घेरे में, केंद्र पर ही होगी ई-केवाईसी
आधार से दस्तावेज का मिलान नहीं होने की वजह से लिया गया निर्णय
ई-केवाईसी के लिए ढाई घंटे पहले पहुंचना होगा परीक्षा केंद्र
लखनऊ। सिपाही भर्ती की आगामी 23 अगस्त से शुरू होने वाली लिखित परीक्षा में 20 हजार अभ्यर्थी संदेह के दायरे में हैं। इनके आधार कार्ड में दी गई जानकारी का अन्य दस्तावेजों से मिलान नहीं हो रहा है।
उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने ऐसे सभी अभ्यर्थियों को परीक्षा शुरू होने से ढाई घंटे पूर्व परीक्षा केंद्र पर आकर ई-केवाईसी कराने को कहा है। इसकी जानकारी उनके एडमिट कार्ड पर दी गयी है। जिन अभ्यर्थियों के ई-केवाईसी के दौरान दस्तावेजों का मिलान करने पर गड़बड़ी मिलेगी, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष एवं डीजी राजीव कृष्णा ने बताया कि इस बार अभ्यर्थियों के आधार का सत्यापन कराया गया है। सॉल्वर को परीक्षा में शामिल होने से रोकने के लिए जिन अभ्यर्थियों के आधार का उनके दस्तावेजों जैसे फोटो, नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि, फिंगरप्रिंट का मिलान नहीं हुआ है, उन्हें ढाई घंटे पूर्व केंद्र आकर ई-केवाईसी करानी होगी। बाहर से ई-केवाईसी मान्य नहीं होगी।
धार्मिक चिन्हों पर प्रतिबंध नहीं
परीक्षा केंद्र में धार्मिक चिन्ह जैसे मंगलसूत्र, कड़ा आदि धारण करने पर प्रतिबंध नहीं रहेगा। बोर्ड ने सभी केंद्रों के कमरों के लिए 17 हजार घड़ियां भी अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए उपलब्ध करायी है। वहीं जिला प्रशासन द्वारा लॉकर की व्यवस्था की जाएगी। अभ्यर्थियों के आवागमन के लिए राज्य सरकार ने बसों में निशुल्क यात्रा की घोषणा की है।
सिपाही भर्ती परीक्षा : केंद्रों पर पुलिसकर्मी करेंगे चेकिंग, STF भी करेगी निगरानी
लखनऊ । यूपी पुलिस सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा 18 व 19 फरवरी को दो-दो पालियों में हुई थी, जिसका पेपर लीक हो गया था। मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर परीक्षा निरस्त कर दी गई थी। 60244 पदों पर अब यह परीक्षा 67 जिलों के 1174 केंद्रों पर 23, 24, 25, 30 व 31 अगस्त को होगी।
इस बार परीक्षा के केंद्र दूसरे जिलों में बनाए गए हैं। पुरुष अभ्यर्थी की परीक्षा दूसरे मंडल में और महिला अभ्यर्थियों की परीक्षा दूसरे जिलों के केंद्रों पर होगी। सभी केंद्रों पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट रहेंगे। सेक्टर मजिस्ट्रेट ट्रेजरी से प्रश्न पत्र केंद्र तक पहुंचाएंगे। केंद्रों पर वहां के स्टाफ की बजाय पुलिसकर्मी चेकिंग करेंगे। अभ्यर्थियों का बायोमेट्रिक्स लेने के बाद आधार कार्ड लिया जाएगा। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) तकनीक के जरिए अभ्यर्थियों के पुराने फोटो का मिलान होगा।
परीक्षा केंद्र सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में होंगे। हर केंद्र पर एक कंट्रोल रूम बनाया जा रहा रहा है। सभी कंट्रोल रूम को जिला स्तर पर बनाए गए जिला कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा। सभी जिलों के कंट्रोल रूम को हेडक्वार्टर में बनाए गए कंट्रोल रूम से मॉनिटर किया जाएगा। हर केंद्र पर आधा स्टाफ वहां और आधा दूसरे स्कूल- कॉलेज का होगा। स्टाफ को कहां पर परीक्षा देनी है, यह एक दिन पहले ही बताया जाएगा।
परीक्षा की निगरानी के लिए एसटीएफ को भी लगाया गया है। एसटीएफ और पुलिस परीक्षा केंद्रों की लैब की भी जांच करेगी। परीक्षा केंद्रों के संचालकों की भी निगरानी होगी। पहले हुईं प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल कराने वाले आरोपियों पर नजर रखी जा रही है। जो जेल में हैं, उनकी वहां से निगरानी होगी। जो जेल से बाहर हैं, उन पर गैंगस्टर की कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।
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