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Saturday, August 31, 2024

सिपाही भर्ती परीक्षा में पुलिस और भर्ती बोर्ड दोनों हुए पासपेपर लीक की आशंकाओं को दरकिनार कर सफलतापूर्व संपन्न कराई गई परीक्षा

सिपाही भर्ती परीक्षा में पुलिस और भर्ती बोर्ड दोनों हुए पासपेपर लीक की आशंकाओं को दरकिनार कर सफलतापूर्व संपन्न कराई गई परीक्षा

सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजामों से पेपर लीक और सॉल्वर गिरोह रहे दूर

लीक प्रूफ ढंग से कराई गई परीक्षा, पेपर छपाई से लेकर कक्ष निरीक्षक तक के बदले नियम


लखनऊ। प्रदेश की सबसे बड़ी भर्ती परीक्षा का सकुशल आयोजन कर उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड और डीजीपी मुख्यालय ने नया इतिहास रच दिया। शनिवार को भर्ती परीक्षा का 5वां एवं अंतिम दिन भी सकुशल गुजरा। कुल 72 फीसदी अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए।


 वहीं, विभिन्न जिलों की पुलिस व एसटीएफ ने 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें एक सॉल्वर और परीक्षा पास कराने का झांसा देने वाले 5 ठग शामिल हैं। शनिवार को परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग करने वाले चार अभ्यर्थियों को कानपुर से पकड़ा गया। इनमें मैनपुरी निवासी विपनेश कुमार, आगरा निवासी सोनू सिंह, निहाल सिंह और मथुरा निवासी ओमवीर शामिल हैं। विहार के अभिमन्य ओझा को ललितपुर से, बुलंदशहर निवासी वीर सिंह को सहारनपुर से, बिहार निवासी सुमित कुमार को महोचा से, अलीगढ़ निवासी सुखबीर सिंह को बुलंदशहर से, प्रयागराज निवासी छोटा निषाद को बांदा से, कन्नौज निवासी शारिक को फतेहपुर से और शामली निवासी प्रीत सिंह व सहारनपुर निवासी अनुज कुमार को बागपत से गिरफ्तार किया गया। कुमार को फर्जी दस्तावेज बनाकर परीक्षा देने का प्रयास करने के दौरान गिरफ्तार किया गया। 


इसके अलावा एसटीएफ ने तीन जालसाजों फिरोजाबाद निवासी अखिलेश, विनय कुमार व आगरा निवासी अमित बघेल को आगरा से गिरफ्तार किया। यहीं प्रतापगढ़ से शुभम सोनकर और पवन कुमार पाल को भी अभ्यर्थियों से ठगी करने के आरोप में एसटीएफ ने पकड़ा है। इन सभी के खिलाफ 14 मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। बता दें कि 23, 24, 25, 30 व 31 अगस्त को लिखित परीक्षा में करीब 30% अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। बोर्ड ने पेपर लीक से बचने के लिए इस बार तकनीक का भरपूर इस्तेमाल किया। 


सिपाही भर्ती परीक्षा: इस तरह लीक प्रूफ ढंग से कराई गई परीक्षा, पेपर छपाई से लेकर कक्ष निरीक्षक तक के बदले नियम

यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा खत्म हो गई है। यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा में पहली बार ऐसा हुआ जब कोई परीक्षा पांच दिनों में हुई। यह परीक्षा पांच दिनों में दस पालियों में कराई गई। परीक्षा में किसी प्रकार की त्रुटि न हो इसके लिए शासन के स्तर के पर विशेष इंतजाम किए गए। परीक्षा में कई सारे काम ऐसे हुए जो पहली बार हो रहे हैं। 

सिपाही भर्ती परीक्षा का आयोजन 23, 24, 25, 30 और 31 अगस्त को हुआ, जिसमें पेपर लीक की आशंकाओं को धता बताते हुए पूरी शुचिता और निष्पक्षता के साथ संपन्न कराया गया। इस दौरान करीब 30 फीसदी अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। बोर्ड ने पेपर लीक से बचने के लिए इस बार तकनीक का भरपूर इस्तेमाल किया।


इस तरह हुआ परीक्षा का सफल आयोजन
- प्रश्न पत्र की छपाई और वितरण तक हर काम के लिए अलग एजेंसी
- केवल सरकारी संस्थान बने परीक्षा केंद्र, पूरी परीक्षा सीसीटीवी निगरानी म हुई
- सीसीटीवी को भर्ती बोर्ड के कंट्रोल रूम से जोड़ा गया
- परीक्षा से पहले सभी अभ्यर्थियों आधार सत्यापन किया गया
- महिला अभ्यर्थियों की चेकिंग महिला पुलिस कर्मियों द्वारा की गई
- केन्द्र, उनके कक्षों, सभी गेट, स्ट्रांग रूम, कॉरिडोर कैमरे की जद में रहे
- अभ्यर्थियों की डिजिटल फोटो कैप्चरिंग, फेशियल रिकग्निशन, बायोमैट्रिक्स (फिंगर प्रिन्ट/आइरिश) एवं शत-प्रतिशत रियल टाइम आधार सत्यापन कराया गया
- कैमरों की मॉनिटरिंग जिले के कंट्रोल रूम, कमांड सेंटर, भर्ती बोर्ड द्वारा की गई
- गोपनीय सामग्री की सुरक्षित अभिरक्षा के लिए ट्रेजरी, स्ट्रांग रूम में सीसीटीवी
- गोपनीय सामग्री के सुरक्षित परिवहन हेतु प्रत्येक केंद्र के लिए एक डेडिकेटेड वाहन एवं सेक्टर मजिस्ट्रेट पर्याप्त सशस्त्र पुलिस कर्मियों का इंतजाम


इस तरह से की गई पुलिस बल की तैनाती
- 245 कंपनी पीएसी
- 8 कंपनी सीएपीएफ
- 137 अपर पुलिस अधीक्षक
- 522 पुलिस उपाधीक्षक
- 3876 निरीक्षक
- 32311 उप निरीक्षक
- 47587 मुख्य आरक्षी
- 86244 आरक्षी
- 74 पर्यवेक्षक पुलिस अधिकारी


सफल रही परीक्षा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व तथा मार्गदर्शन में भर्ती बोर्ड द्वारा आरक्षी भर्ती 2023 की पांच दिवसीय परीक्षा सफलतापूर्वक संपन्न कराई गई। इस आयोजन में प्रतिभाग करने वाले सभी अभ्यर्थियों का भर्ती बोर्ड धन्यवाद देता है। अभ्यर्थियों ने बोर्ड के निर्देशानुसार अनुशासन और गंभीरता के साथ प्रतिभाग किया। बोर्ड शीघ्र ही आगे की प्रक्रिया की ओर बढ़ेगा, जिसकी सूचना अभ्यर्थियों को वेबसाइट के माध्यम से दी जाएगी।- राजीव कृष्णा, अध्यक्ष, उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड

 
यूपी पुलिस ने व्हाट्सएप से लेकर सोशल मीडिया तक रखी नजर
सिपाही भर्ती परीक्षा में तकनीक और मैनपावर के फूलप्रूफ प्लान की बदौलत कोई पेपर लीक या साल्वर गिरोह सेंध लगने में सफल नहीं हो सका। वहीं प्रदेश सरकार ने बीते दिनों प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक के मामले सामने के बाद सरकार ने इससे संबंधित कानून में संशोधन के लिए विधेयक लाई थी। जिसे विधानसभा में पारित कर कानून का रूप दिया गया था। इस कानून में परीक्षा में सेंधमारी करने वालों के खिलाफ सजा के प्रावधान को और सख्त कर दिया गया था। इस बार के परीक्षा में इस कानून का असर भी दिखा।


इसके अलावा यूपी पुलिस ने व्हाट्सएप से लेकर सोशल मीडिया तक पैनी नजर रखी। खुफिया एजेंसियों को 24 घंटे अलर्ट मोड में रखा गया। प्रदेश के 67 जिलों के 1174 परीक्षा केंद्रों पर 5 दिन तक हुई इस परीक्षा में 32 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए। इस दौरान अभ्यर्थियों की सुविधा के अभूतपूर्व इंतजामों के साथ परीक्षा की पारदर्शिता और शुचिता का भी पूरा ध्यान रखा गया। परीक्षा को सरकारी अथवा सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों पर संपन्न कराया गया।


हर काम के लिए अलग वेंडर
बता दें कि नए नियमों के मुताबिक भर्ती बोर्ड ने परीक्षा संबंधी हर कार्य के लिए अलग वेंडर चयनित किया। एजेंसी ''ए'' को प्रश्न पत्रों को तैयार कराने, छपवाने, जिलों के कोषागार तक भेजने, एजेंसी ''बी'' परीक्षा संपन्न कराने, प्रश्न पत्रों को कोषागार से परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने, परीक्षा केंद्र की समस्त व्यवस्था तथा परीक्षा समाप्ति के बाद ओएमआर शीट को बोर्ड तक पहुंचाने, एजेंसी ''सी'' को परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा का कार्य जैसे सिक्योरिटी, फ्रिस्किंग, बायोमेट्रिक कैप्चर, सीसीटीवी कंट्रोल रूम की स्थापना का कार्य करने तथा एजेंसी ''डी'' को बोर्ड परिसर में ओएमआर शीट की स्कैनिंग कराकर परीक्षा का स्कोर बोर्ड का उपलब्ध कराने का कार्य सौंपा गया है।

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