एक साल बाद भी RO/ARO परीक्षा पर नहीं हो सका निर्णय, दस लाख से अधिक अभ्यर्थियों को साल भर से पुनर्परीक्षा का इंतजार
पेपर लीक के कारण निरस्त कर दी गई थी पिछले साल 11 फरवरी को हुई परीक्षा
पुनर्परीक्षा पर जल्द ही कोई निर्णय लेकर नई तिथि घोषित की जाएगी।
14 फरवरी 2025
प्रयागराज। परीक्षार्थियों की संख्या के लिहाज से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के इतिहास की सबसे बड़ी परीक्षा एक साल से लंबित पड़ी है और आयोग अब तक यह तय नहीं कर सका कि पेपर लीक के कारण निरस्त की गई आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा दोबारा कब कराई जाएगी।
समीक्षा (आरओ)/ सहायक अधिकारी समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 पिछले साल 11 फरवरी को आयोजित की गई थी। आरओ/एआरओ के 411 पदों पर भर्ती के लिए 10,76,004 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे। आयोग के इतिहास में किसी भी परीक्षा के लिए पहली बार इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे।
प्रदेश के 58 जिलों के 2387 केंद्रों में हुई प्रारंभिक परीक्षा के दौरान पेपर लीक हो गया था। इसके विरोध में अभ्यर्थियों ने व्यापक स्तर पर आंदोलन किया था, जिसके बाद आयोग को प्रारंभिक परीक्षा निरस्त करनी पड़ी थी। आयोग की ओर से अभ्यर्थियों को आश्वस्त किया गया था कि प्रश्नपत्र लीक होने के बाद आयोग ने प्रारंभिक परीक्षा के प्रारूप में भी परिवर्तन कर दिया था और दो पालियों में होने वाली सामान्य अध्ययन व सामान्य हिंदी के प्रश्नपत्रों की परीक्षाएं एक ही पाली में कराने का निर्णय लिया था। इसके बाद आयोग ने दिसंबर-2024 में प्रारंभिक परीक्षा प्रस्तावित की लेकिन केंद्र निर्धारण की नीति में बदलाव के कारण आयोग को पर्याप्त संख्या में एक ही दिन में परीक्षा कराने के लिए केंद्र नहीं मिल सके।
इस पर आयोग ने प्रारंभिक परीक्षा दो दिन कराने का निर्णय लिया, जिसका विरोध हुआ और आयोग के बाहर कई दिनों तक अभ्यर्थियों ने आंदोलन किया। इसके बाद आयोग ने परीक्षा पर निर्णय लेने के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया। कमेटी के गठन को दो माह से अधिक समय बीत चुका है। परीक्षा को भी एक साल पूरे हो चुके हैं लेकिन अब तक न तो परीक्षा का प्रारूप तय हो सका और न ही पुनर्परीक्षा की तिथि निर्धारित की जा सकी।
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि पुनर्परीक्षा के इंतजार में एक साल बीत चुके हैं और कोई निर्णय न होने अभ्यर्थी उहापोह की स्थिति में हैं। सिपाही भर्ती परीक्षा भी पेपर लीक होने के कारण निरस्त हुई थी लेकिन वह दोबारा आयोजित करा ली गई। आयोग को भी आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023 की नई तिथि जल्द घोषित करनी चाहिए।
अप्रैल से जून माह के बीच RO / ARO परीक्षा कराने की तैयारी
आरक्षित हैं पांच तिथियां, पिछले साल फरवरी में पेपर लीक के कारण निरस्त हुई थी परीक्षा
05 फरवरी 2025
प्रयागराज। समीक्षा अधिकारी (आरओ)/ सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 इस साल अप्रैल से जून के बीच कराई जा सकती है। इन तीन महीनों के दौरान उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने परीक्षाओं के लिए पांच तिथियां आरक्षित की गई हैं। इन्हीं तिथियों पर परीक्षा कराने की तैयारी है।
आरओ/एआरओ के 411 पदों पर भर्ती के लिए प्रारंभिक परीक्षा 11 फरवरी 2024 को प्रदेश के 2387 केंद्रों में आयोजित की गई थी। परीक्षा के लिए 1076004 अभ्यर्थी पंजीकृत थे, जिनमें से 64 फीसदी ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी।
हालांकि, परीक्षा में पेपर लीक का मामला सामने आने के बाद निरस्त कर दी गई थी। यह परीक्षा दोबारा दिसंबर-2024 में कराई जानी थी। लेकिन, परीक्षा के प्रारूप को लेकर विवाद के कारण आयोग को पुनर्परीक्षा स्थगित करनी पड़ी।
केंद्र निर्धारण नीति में बदलाव के कारण आयोग को एक दिन में परीक्षा कराने के लिए पर्याप्त संख्या में केंद्र नहीं मिल रहे थे। एक से अधिक दिनों में परीक्षा कराने के निर्णय का अभ्यर्थी विरोध कर रहे थे। ऐसे में आयोग ने इस मामले में निर्णय लेने के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया, जिसकी रिपोर्ट आने का इंतजार है। रिपोर्ट के आधार पर आयोग तय करेगा कि परीक्षा एक दिन में हो सकती है या नहीं।
हालांकि, आयोग एक दिन में परीक्षा कराने के लिए पर्याप्त संख्या में केंद्रों की व्यवस्था करने में लगा है। आयोग ने आरओ/एआरओ की तरह पीसीएस परीक्षा भी एक से अधिक दिनों में कराने का निर्णय लिया था। लेकिन, अभ्यर्थियों के विरोध के कारण परीक्षा केंद्रों के निर्धारण से संबंधित नियमों को शिथिल करते हुए एक दिन में परीक्षा कराने के लिए पर्याप्त संख्या में केंद्रों की व्यवस्था कर ली गई।
आयोग ने बीते दिनों प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेज पीसीएस प्री की तर्ज पर अन्य प्रारंभिक परीक्षाएं कराने के लिए केंद्र निर्धारण की लिस्ट और सहमति पत्र मांगे थे। अगर पीसीएस की तरह अन्य प्रारंभिक परीक्षाओं के लिए भी पर्याप्त संख्या में केंद्र उपलब्ध हो जाते हैं तो आयोग एक दिन में परीक्षा करा सकता है।
आयोग के कैलेंडर में 27 अप्रैल, चार व 11 मई और एक व 15 जून की तिथियां उन परीक्षाओं के लिए आरक्षित रखी गईं हैं, जिन्हें कैलेंडर में शामिल नहीं किया गया है। सूत्रों का कहना है कि इस माह आरओ/एआरओ परीक्षा पर निर्णय होने की उम्मीद है। परीक्षा मई या जून में निर्धारित आरक्षित तिथियों में कराई जा सकती है। अगर निर्णय जल्द हो गया तो 27 अप्रैल की आरक्षित तिथि पर भी परीक्षा हो सकती है।
■ इन पदों पर होनी है भर्ती
आरओ/एआरओ के कुल 411 पदों में उत्तर प्रदेश सचिवालय में समीक्षा अधिकारी के सर्वाधिक 322 पद एवं सहायक समीक्षा अधिकारी के 40 पद, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में समीक्षा अधिकारी के नौ पद, सहायक समीक्षा अधिकारी के 13 पद एवं सहायक समीक्षा अधिकारी (लेखा) का एक पद, उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद में समीक्षा अधिकारी के तीन पद एवं सहायक समीक्षा अधिकारी के 23 पद शामिल हैं।
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