25 प्रतिशत अभ्यर्थियों की प्रतीक्षा सूची तीन हफ्ते में जारी करे आयोग –हाईकोर्ट
टीजीटी-पीजीटी 2016 का मामला, कोर्ट ने कहा- पूर्व में जारी सूची में झलक रही मनमानी
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करने का भी आदेश
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टीजीटी-पीजीटी 2016 के 25 प्रतिशत अभ्यर्थियों की प्रतीक्षा सूची तीन हफ्ते में जारी करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को इसे आधिकारिक वेबसाइट पर भी अपलोड करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि आयोग की ओर से अब तक जारी सूची से मनमानी झलक रही है। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की अदालत ने नीतीश मौर्या समेत कई अन्य अभ्यर्थियों की याचिकाओं को एक साथ निस्तारित करते हुए दिया है।
मामला उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड (अब उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग) की ओर से 2016 में प्रकाशित विज्ञापन से जुड़ी शिक्षक भर्ती का है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि कुल रिक्तियों के सापेक्ष 25 प्रतिशत प्रतीक्षा सूची जारी की जानी थी, लेकिन आयोग ने प्रतीक्षा सूची में शामिल 10-12 प्रतिशत चयनितों की सूची जारी कर पल्ला झाड़ लिया। इसके खिलाफ अभ्यर्थियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने आयोग की ओर से पूर्व में जारी प्रतीक्षा सूची पेश की। इसमें कोर्ट ने पाया कि याचियों की ओर से पेश मामला 2 धाराओं में मुकदमा दर्ज है। गिरफ्तारी से बचने के लिए सूची में प्रथम दृष्टया मनमानी झलक रही है। आयोग की अधिसूचना के मुताबिक, कुल रिक्तियों के सापेक्ष 25 प्रतिशत अभ्यर्थियों की प्रतीक्षा सूची जारी की जानी थी, लेकिन आयोग के परीक्षा नियंत्रक की ओर से जारी सूची में ऐसा नहीं किया गया है।
लिहाजा, कोर्ट ने आयोग को तीन हफ्ते में 25 प्रतिशत अभ्यर्थियों की प्रतीक्षा सूची जारी करने पर निर्णय लेने व सूची को आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी करने का आदेश दिया है।
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