शिक्षाशास्त्र परीक्षा से एमएड वाले होंगे बाहर
हाईकोर्ट के निर्देश के अनुपालन में यूपीएचईएससी ने लिया निर्णय
असिस्टेंट प्रोफेसर
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राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : अशासकीय महाविद्यालयों में शिक्षाशास्त्र के लिए एमएड धारकों को इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग यानि यूपीएचईएससी ने अनर्ह कर दिया है। बुधवार की बैठक में शिक्षाशास्त्र में केवल ‘एमए इन एजुकेशन’ वालों को ही शामिल करने का निर्णय हुआ। इससे विज्ञापन 47 की लिखित परीक्षा से पहले ही एमएड धारकों को बाहर किया जाएगा।
यूपीएचईएससी की विज्ञापन 47 के तहत 35 विषयों में चयन के लिए लिखित परीक्षा नवंबर में प्रस्तावित है। परीक्षा में 1150 पदों के सापेक्ष 48 हजार लोगों के आवेदन हो चुके हैं। इनमें शामिल होने के लिए विषयवार शैक्षिक अर्हता अलग-अलग है। शिक्षाशास्त्र में एमएड को मान्य करने के मामले में याचिका हाईकोर्ट में विचाराधीन थी जिस पर संजय कुमार दुबे बनाम उप्र राज्य व अन्य की याचिका में 14 मई 2018 को आदेश पारित हुआ। इस आदेश के अनुपालन पर विचार के लिए यूपीएचईएससी चेयरमैन प्रो. ईश्वर शरण विश्वकर्मा की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें निर्णय हुआ कि भर्ती के विज्ञापन संख्या 47 में शिक्षाशास्त्र के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और राज्य सरकार की ओर से निर्धारित अन्य अर्हताएं पूरी करने के साथ ही केवल एमए इन एजुकेशन को ही अर्ह माना जाएगा। सचिव वंदना त्रिपाठी ने कहा कि इससे विज्ञापन 47 में शिक्षाशास्त्र में आवेदन करने वाले एमएड धारकों को मान्य नहीं किया जाएगा। जिन्हें परीक्षा से बाहर किया जा सकता है ऐसे अभ्यर्थियों की अनुमानित संख्या करीब तीन हजार होगी।
करीब विज्ञापन 47 से होंगे बाहरकर चुके हैं आवेदन के 534 पदों पर भर्ती जल्द1
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