चयनित को प्रशिक्षण के लिए भेजने पर निर्णय का निर्देश
पळ्लिस भर्ती मामला
विधि संवाददाता, इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2015 की पुलिस भर्ती में चयनित याची को प्रशिक्षण के लिए भेजने पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। याची को एक आपराधिक मामला दर्ज होने के आधार पर प्रशिक्षण पर नहीं भेजा गया, जिसे चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने कहा है कि दो हफ्ते में सुप्रीम कोर्ट के फैसले सहित अन्य दस्तावेजों के साथ वह विपक्षी को अर्जी दे और इस अर्जी का दो माह में निस्तारण किया जाए।
यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने मथुरा के मुकेश की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता यानेंद्र पांडेय ने बहस की। याची का कहना है कि केवल आपराधिक मामला दर्ज होने से चयनित व्यक्ति को नियुक्ति देने से इन्कार नही किया जा सकता। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के अवतार सिंह केस का हवाला दिया। याची का यह भी कहना है जब जानलेवा हमले के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई, वह नाबालिग था और प्राथमिकी दर्ज होने से उसे अपराधी नहीं माना जा सकता। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार उसे प्रशिक्षण पर जाने का वैधानिक अधिकार है। इस पर कोर्ट ने नियमानुसार निर्णय लेने का आदेश दिया है।
>>हाईकोर्ट ने 2015 की पुलिस भर्ती मामले में दिया आदेश
>>मथुरा के मुकेश की याचिका हळ्ई निस्तारित
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