अवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा एसटीएफ जांच पर टिकी
राज्य ब्यूरो, लखनऊ: नलकूप चालक परीक्षा के बाद समाजवादी पार्टी के शासनकाल में निकाली गई एक और भर्ती अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के लिए मुसीबत बन सकती है। 641 पदों के लिए जुलाई माह में हुई सम्मिलित अवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा में पेपर लीक होने की जांच एसटीएफ कर रही है। उसकी रिपोर्ट में आरोप सही पाए गए तो यह परीक्षा भी खतरे में पड़ सकती है। फिलहाल जांच होने तक इस परीक्षा का रिजल्ट रोक दिया गया है। सम्मिलित अवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा (सामान्य चयन) के तहत 14 विभागों के रिक्त पदों के लिए विज्ञापन निकाले गए थे।
गत 15 जुलाई को इसकी परीक्षा कानपुर और लखनऊ में संपन्न हुई थी। परीक्षा के बाद ही अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया था कि इसके पेपर एक दिन पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे। अभ्यर्थियों ने अपनी शिकायत के प्रमाण में दिल्ली में कोचिंग चला रही एक महिला के फेसबुक के स्क्रीन शॉट प्रस्तुत किए थे। कई अभ्यर्थियों ने आयोग के अधिकारियों के पास जाकर भी इस आशय की शिकायत दर्ज कराई थी। आयोग ने अभ्यर्थियों की शिकायत को प्रथम दृष्टया खारिज कर दिया था। इसके पीछे तर्क था कि परीक्षा खत्म होने के बाद पेपर लीक होने की शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया जा सकता। बाद में जब इस मामले में और शिकायतें आईं तो आयोग के अध्यक्ष सीबी पालीवाल ने डीजीपी को पत्र लिखकर जांच कराने के लिए कहा।
0 comments:
Post a Comment