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Monday, September 10, 2018

SSC : सिपाही भर्ती- 2011 : अभ्यर्थियों को हाईकोर्ट से मिली राहत, एसएससी से निराशा मिलने के आसार

हाईकोर्ट से मिली राहत, एसएससी से मिलेगी निराशा

सिपाही (जीडी) भर्ती 2011 में अधिकांश याचियों के प्राप्तांक कट ऑफ से कम
असमंजस
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राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : एसएससी यानि कर्मचारी चयन आयोग से हुई सिपाही (जीडी) भर्ती 2011 में इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत पाए अधिकांश याचियों को एक बार फिर निराशा मिलने के आसार हैं।1 चार सौ से अधिक याचिकाएं करने वाले करीब दो हजार अभ्यर्थियों का दावा है कि कटऑफ से अधिक प्राप्तांक होने के बावजूद उनका चयन नहीं किया गया, जबकि 20 अगस्त से अब तक एसएससी के मध्य क्षेत्रीय कार्यालय में जितने भी प्रत्यावेदन प्राप्त हुए उनमें कटऑफ से अधिक प्राप्तांक वाले याचियों की संख्या भी नहीं पहुंची है। एसएससी ने सिपाही (जीडी) भर्ती 2011 में उत्तीर्ण होने का कटऑफ अलग-अलग श्रेणी के अभ्यर्थियों के अनुसार निर्धारित किया है। इसमें उत्तर प्रदेश और बिहार के अभ्यर्थियों में सामान्य, बार्डर, नक्सल क्षेत्र में रहने वाले अभ्यर्थियों के कटऑफ विभिन्न फोर्स और जातियों के अनुसार अलग-अलग निर्धारित हैं। अभ्यर्थियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि उनके प्राप्तांक कटऑफ से अधिक हैं लेकिन, एसएससी ने उनका चयन नहीं किया। सूत्रों के अनुसार हाईकोर्ट में इससे संबंधित करीब 430 याचिकाएं दाखिल हुई थीं, जिन पर 20 अगस्त को फैसला देते हुए एसएससी को निर्देशित किया था कि इन सभी के प्रत्यावेदन लेकर उन्हें तीन माह में निर्णीत करें। कोर्ट के इस आदेश से करीब दो हजार याचियों को राहत मिली है लेकिन, एसएससी में स्थिति इसके बिल्कुल विपरीत है।

एसएससी में प्रत्यावेदन तो खूब आ रहे हैं, तमाम अभ्यर्थी सीधे मध्य क्षेत्रीय कार्यालय न पहुंचकर डाक के माध्यम से प्रत्यावेदन भेज रहे हैं। 20 अगस्त से अब तक कटऑफ से अधिक अंक वाले याचियों के जो प्रत्यावेदन मिले हैं उनकी संख्या भी नहीं है। शेष सभी याचियों के प्राप्तांक कटऑफ से कम हैं। एसएससी का कहना है कि जिनके अंक कटऑफ से अधिक हैं उनमें भी यह देखा जाएगा कि चयन किन परिस्थिति में नहीं हुआ। एसएससी मध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक राहुल सचान ने कहा है कि अब तक प्राप्त प्रत्यावेदनों में कट ऑफ से अधिक प्राप्तांक वालों की संख्या छह-सात ही है। कटऑफ से अधिक प्राप्तांक वालों के प्रकरणों पर ही विचार किया जाएगा।से भी कम है कटऑफ से अधिक प्राप्तांक वाले याचियों की संख्या

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