भर्तियों की सीबीआइ जांच में फंस रहे कई कद्दावर नेता
पीसीएस 2015 परीक्षा में सिफारिश पर चयनित हुए अभ्यर्थी, पूर्व मंत्रियों व सांसद तक शामिल, एक सांसद का पिछले माह गोपनीय भ्रमण
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : उप्र लोकसेवा आयोग से पीसीएस 2015 समेत अन्य परीक्षाओं में अभ्यर्थियों का गलत चयन स्थानीय स्तर पर ही नहीं हुआ, बल्कि इसके तार पूर्व मंत्री और पूर्व सांसदों से भी जुड़े हैं। भर्तियों की जांच कर रहे सीबीआइ को यह अहम जानकारी मिली है। मई में एक सांसद का इलाहाबाद में गोपनीय भ्रमण भी हुआ था जो छात्रवासों में जाकर आयोग की सीबीआइ जांच की टोह ले गए। सीबीआइ ने गलत चयन के जिम्मेदार नेताओं पर शिकंजा कसा तो सियासी भूचाल आना तय है।
भर्ती से वंचित अभ्यर्थियों से मिली शिकायत में सीबीआइ को जानकारी हुई है कि एक राजनीति पार्टी के कद्दावर नेताओं का उप्र लोकसेवा आयोग में सीधा दखल था। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की छात्र राजनीति से प्रदेश में पहुंचे नेताओं, तीन पूर्व मंत्रियों और दो पूर्व सांसदों की सिफारिश पर पीसीएस 2015 परीक्षा में अभ्यर्थियों के चयन किये गए, जिनका चयन गलत तरीके से नेताओं की सिफारिश पर हुआ वह सीबीआइ अधिकारियों की हिट लिस्ट में पहले से हैं।
शिकायतकर्ताओं ने सीबीआइ अफसरों को कई प्रमाण देते हुए बताया है कि पीसीएस 2015 परीक्षा में सभी योग्यता और अर्हता रखने के बावजूद उन्हें चयन से वंचित कर दिया गया और कद्दावर नेताओं की सिफारिश पर अयोग्य अभ्यर्थियों का चयन किया गया। करीब तीन साल पहले अभ्यर्थियों की ओर से यह शिकायत शासन में भी भेजी गई थी जो कि बेअसर रही। सीबीआइ अफसरों का कहना है कि अभ्यर्थियों के गलत चयन की ओर जांच बढ़ रही है। कुछ पूर्व मंत्रियों और पूर्व सांसदों पर संदेह हुआ है। प्रमाण पुख्ता मिलने पर उनसे भी पूछताछ की जाएगी।
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