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Wednesday, June 20, 2018

यूपी लोक सेवा आयोग ने लगाई पेपर आउट व प्रश्नपत्र बदलने की हैट्रिक

इलाहाबाद  : उप्र लोकसेवा आयोग ने परीक्षाओं में पेपर आउट व प्रश्नपत्र बदलने की हैटिक लगा दी है। ये गड़बड़ियां लगातार तीन वर्षो में नियमित अंतराल में हुई हैं। यह जरूर हैं कि तीनों परीक्षाएं अलग-अलग हैं। खास बात यह है कि पहले के दोनों प्रकरणों की जांच अब तक पूरी नहीं हुई है और न ही आयोग ने उन मामलों में अपनी ओर से किसी तरह की पहल की है। आरओ व एआरओ परीक्षा के मामले में सरकार बदलते ही जांच टीम बदली गई लेकिन, नतीजा सिफर है। 



आयोग में प्रश्नों के गलत जवाब मामलों की लंबी फेहरिश्त है। कई परीक्षा परिणाम बदलने का कोर्ट से आदेश हुआ लेकिन, उसका अनुपालन नहीं हुआ। परीक्षा कराने के दौरान आयोग पर पहला कलंक पीसीएस प्री 2015 में लगा। इम्तिहान शुरू होने के पहले ही सोशल मीडिया पर प्रश्नपत्र वायरल हो गया था। बवाल मचने के बाद भी आयोग ने चुप्पी साध ली, तब 29 मार्च, 2015 को एसटीएफ ने लखनऊ के कृष्णानगर थाने में तीन लोगों को नामजद करते हुए एफआइआर दर्ज कराई।1



आरोप है कि प्रश्नपत्र लखनऊ के आदर्श भारती विद्यालय आजाद नगर लखनऊ से लीक हुआ। इस मामले के नामजद अब तक घूम रहे हैं और परीक्षा में चयनित नौकरी पा चुके हैं, हालांकि सीबीआइ इसी परीक्षा को खंगालने में जुटी है।



दूसरा पेपर आउट का मामला समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी यानि आरओ-एआरओ 2016 में सामने आया। इस मामले की एफआइआर दर्ज कराने के लिए 29 सितंबर 2016 को तहरीर दी गई।  पुलिस ने मुकदमा तक नहीं लिखा, अंत में कोर्ट के आदेश पर पुलिस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की ओर से हजरतगंज में तीन जनवरी 2017 को अज्ञात के विरुद्ध एफआइआर दर्ज हुई। प्रदेश में सत्ता बदलने के बाद जांच सीबीसीआइडी को सौंपी गई है। इसके बाद भी कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी है। 



अब पीसीएस मेंस 2017 में पेपर बदलने का मामला इलाहाबाद में सामने आया और आयोग की ओर से एफआइआर दर्ज कराई गई है। आयोग की परीक्षाओं में एक के बाद एक खामियां उजागर होने के बाद भी उस पर प्रभावी कार्रवाई न होने से वह रुक नहीं रही हैं। तीसरे मामले में मुकदमा भले ही दर्ज हो गया है लेकिन, वह अंजाम तक पहुंचेगा इस पर भी संदेह है।


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