इलाहाबाद : प्रदेश के अहम पदों पर चयन करने वाले उप्र लोकसेवा आयोग की ओर से दर्जनों परीक्षाओं में बेशुमार गड़बड़ियां हुई हैं। आयोग के इतिहास में पहली बार इस स्वायत्तशासी संस्थान ने गलती स्वीकारते हुए अपने अफसर व कर्मचारियों के विरुद्ध थाने में एफआइआर दर्ज कराई है। इसके पहले परीक्षाओं में पेपर आउट और अन्य तमाम गंभीर आरोप लगे लेकिन, आयोग ने न तो उसे स्वीकार किया और न ही अपनी ओर से थाने में कोई मुकदमा दर्ज कराया। हालांकि पीसीएस मेंस 2017 प्रकरण की जांच में और दूसरों पर ही ठीकरा फोड़ने का प्रयास शुरू हो गया है।
■ केंद्र पर प्रश्नपत्र पहुंचाने वाले सेक्टर मजिस्ट्रेट पर रिपोर्ट दर्ज नहीं
■ तैनात स्टेटिक मजिस्ट्रेट, पर्यवेक्षक व वीडियोग्राफी आदि तैयारी तार-तार
■ गलत पेपर बांटने में लापरवाह टीम को ड्यूटी से हटाया
आयोग की पीसीएस 2017 की मुख्य परीक्षा सोमवार से इलाहाबाद व लखनऊ के 28 परीक्षा केंद्रों पर शुरू हुई। इम्तिहान के दूसरे ही दिन इलाहाबाद के जीआइसी में पहली पाली की परीक्षा में दूसरी पाली का प्रश्नपत्र बांट दिया गया। इसको लेकर दोपहर से लेकर देर रात तक बवाल हुआ। आयोग मुख्य निशाने पर है। सूबे की सरकार के दबाव में आयोग ने मंगलवार देर रात सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। आयोग के सतीश चंद्र मिश्र ने प्रश्नपत्र छापने वाले सीलिंग पैकेजिंग विभाग, राजकीय इंटर कालेज इलाहाबाद के केंद्र व्यवस्थापक, स्टेटिक मजिस्ट्रेट, आयोग के पर्यवेक्षक, आयोग के ही अतिरिक्त पर्यवेक्षक व उनकी टीम को पदनाम से नामजद किया है।
अब पुलिस भी मामले की छानबीन करेगी। वहीं, आयोग के सचिव व एक अन्य अफसर भी जांच कर रहे हैं। आयोग कार्यालय के सामने प्रतापगढ़ डिपो की बस में आग लगाने के मामले में पुलिस ने भी एक अन्य एफआइआर दर्ज की है। इसकी भी जांच चल रही है।1आयोग पीसीएस जैसी परीक्षा में सही से प्रश्नपत्र पहुंचाने में भी सफल नहीं हो सका है, जबकि इसमें महज 13 हजार से अधिक अभ्यर्थियों को शामिल होना था। इसके अलावा परीक्षा में स्टेटिक मजिस्ट्रेट, पर्यवेक्षक की नियुक्ति और वीडियोग्राफी आदि तैयारियां भी तार-तार हो गई हैं, क्योंकि यह सब होने के बाद भी 432 परीक्षार्थी वाले केंद्र पर गलत प्रश्नपत्र पहुंच गया।
खास बात यह है कि आयोग ने केंद्र व्यवस्थापक, स्टेटिक मजिस्ट्रेट व पर्यवेक्षक आदि के पद को नामजद किया है लेकिन, प्रश्नपत्र पहुंचाने वाले सेक्टर मजिस्ट्रेट को छोड़ दिया गया है, प्रथम दृष्टया गड़बड़ी गलत प्रश्नपत्र पहुंचने से हुई है। जीआइसी के केंद्र व्यवस्थापक देवेंद्र कुमार सिंह की मानें तो प्रश्नपत्र के कर्टन के ऊपर, पैकेट आदि पर पहली पाली का प्रश्नपत्र ही दर्ज था। इसी तरह से आयोग ने यह भी प्रचार किया है कि उसने केंद्र व्यवस्थापक को हटाने के लिए डीएम को लिखा है, हकीकत यह है कि जीआइसी को सिर्फ दो दिन के लिए ही केंद्र बनाया गया था, आगे वहां परीक्षा होनी ही नहीं है, तब उन्हें हटाने या रखने का सवाल कहां पैदा होता है।
इलाहाबाद : उप्र लोकसेवा आयोग ने पीसीएस मुख्य परीक्षा 2017 के दूसरे दिन इलाहाबाद के राजकीय इंटर कालेज में गलत पर्चा बंटने में लापरवाही बरतने वाली टीम को ड्यूटी से हटा दिया है। संकेत हैं कि आयोग की जांच व पुलिस विवेचना में आरोप सिद्ध होने पर टीम के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। प्रिंटिंग प्रेस के उन कर्मचारियों पर भी शिकंजा कसेगा जिनकी गलती से कार्टन व प्रश्नपत्रों के पैकेट पर ‘प्रथम पाली’ की स्लिप चिपकाई गई थी।
मंगलवार को राजकीय इंटर कालेज में पीसीएस मुख्य परीक्षा के तहत सामान्य हंिदूी की जगह निबंध के प्रश्न पत्र वितरित होने की जांच में दो स्तर पर बड़ी लापरवाही सामने आई है। आयोग सचिव जगदीश की जांच में पता चला है कि जिस प्रेस में प्रश्नपत्रों की छपाई और उन्हें पैकेट में सील किया गया था वहीं से पहली गलती हुई। दरअसल, जिस सील बोरे में कार्टन रखकर उन्हें प्रेस से कोषागार तक पहुंचाया गया था उस पर प्रथम पाली के प्रश्नपत्र की स्लिप चिपकाई गई थी। यही स्लिप कार्टन पर भी चिपकी थी।
इस कार्टन को सुबह नौ बजे केंद्र व्यवस्थापक, स्टैटिक मजिस्ट्रेट और आयोग की ओर से तैनात पर्यवेक्षकों की निगरानी में खोलते समय वीडियो फोटोग्राफी हुई। इसके बाद पैकेट परीक्षा कक्ष में खोलते समय उसमें रखे प्रश्नपत्र पर किसी की नजर नहीं पड़ी। यह बड़ी लापरवाही आयोग के खिलाफ अभ्यर्थियों के आक्रोश का कारण बनी।1सचिव ने बताया है कि इस मामले में सिविल लाइंस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई जा चुकी है। जांच अभी जारी है। पुलिस की विवेचना भी होनी है। फिलहाल जिस टीम ने लापरवाही बरती है उसे परीक्षा ड्यूटी से हटा दिया है।
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