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Friday, June 22, 2018

प्रिंटिंग प्रेस पर यूपी लोक सेवा आयोग कर सकता है कठोर कार्रवाई, आगामी विषयों के प्रश्न पत्रों के पैकेट और कार्टन पर अतिरिक्त सतर्कता जा रही बरती

इलाहाबाद : पीसीएस 2017 की मुख्य परीक्षा के प्रश्न पत्र के कार्टन पर गलत स्टीकर लगाने वाली प्रिंटिंग प्रेस की जांच अंतिम दौर में है। आयोग की ओर से बनाई गई जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर प्रेस के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी तय है, यहां तक कि उसे भविष्य के लिए ब्लैक लिस्टेड भी किया जा सकता है। वहीं आगामी विषयों के प्रश्न पत्रों के पैकेट और कार्टन पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। संदेह है कि और भी किसी विषय में स्टीकर चिपकाए जाने में गलती हो सकती है, ऐसा होने की स्थिति में समय रहते जानकारी देने का निर्देश पर्यवेक्षकों व स्टैटिक मजिस्ट्रेट को दिया गया है।



पीसीएस की मुख्य परीक्षा के दौरान पिछले दिनों राजकीय इंटर कालेज इलाहाबाद में हुई एक गड़बड़ी ने अभ्यर्थियों व अन्य प्रतियोगियों में आक्रोश उत्पन्न कर दिया था। जिसमें प्रथम पाली में सामान्य हंिदूी की परीक्षा होनी थी जबकि अभ्यर्थियों को निबंध के प्रश्न पत्र बांट दिए गए थे और उस कार्टन पर लगे स्टीकर में पहली पाली लिखा हुआ था। आयोग की ओर से हो रही जांच में प्रिंटिंग प्रेस की तरफ से गलती की बात पता चली है। इसके बाद से आगामी विषयों की होने वाली परीक्षा के प्रश्न पत्र के पैकेट व कार्टन पर सतर्कता बरती जा रही है। हालांकि पैकेट और कार्टन सील होते हैं जिन्हें परीक्षा केंद्र में ही ले जाकर जिम्मेदार अधिकारियों के सामने खोला जाता है। उसकी वीडियो फोटोग्राफी भी होती है। इसलिए भविष्य में किसी प्रकार की गड़बड़ी से बचने के लिए आयोग ने निर्देश दिए हैं कि गड़बड़ी का पता लगने पर समय रहते बताया जाए।




वहीं आयोग की कमेटी की जांच में प्रिंटिंग प्रेस के जिम्मेदार लोगों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। इस मानवीय भूल से हुई बड़ी घटना के आधार पर आयोग ने तय किया है कि कार्रवाई भी उतनी ही कठोर होगी। सचिव जगदीश ने बताया कि जांच अंतिम दौर में है। प्रेस कर्मियों और संचालक की भूमिका की जांच हो रही है। पूरी रिपोर्ट बनाने के बाद आयोग के समक्ष रखा जाएगा।



इलाहाबाद : गलत पेपर बंटने के बाद हुए बवाल की जांच कर रही कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार को जीआइसी के प्रिंसिपल डीके सिंह से भी पूछताछ की। यहीं मंगलवार सुबह की पाली में शाम की पाली का पेपर बंटने पर बवाल हुआ था और परीक्षा रद कर दी गई थी। कोतवाल रवींद्र यादव ने प्रिंसिपल से पूछताछ के बाद परीक्षा में ड्यूटी पर रहे सभी शिक्षकों और कर्मचारियों की सूची मांगी। प्रिंसिपल ने 16 लोगों की सूची पुलिस को सौंपी है। अब प्रत्येक से पुलिस पूछताछ करेगी। 



कोतवाली इंस्पेक्टर का कहना है कि कौन शिक्षक किस कक्ष में था, पेपर कहां रखे गए थे, किसने बांटना शुरू किया, इस बारे में पूछताछ की गई। कोतवाली के अलावा इससे संबंधित दो मुकदमे सिविल लाइंस थाने में भी दर्ज हैं। पुलिस बस फूंकने वालों की पहचान में जुटी है। सीओ सिविल लाइंस श्रीश चंद्र का कहना है कि जो अभ्यर्थी मुचलके पर छोड़े गए थे उनसे फिर पूछताछ की जाएगी। 


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