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Sunday, May 27, 2018

सीबीआई जांच : कॉपियां जांचने वाले परीक्षकों से होगी पूछताछ, पीसीएस 2015 मुख्य परीक्षा के सवालों के उत्तर समान पर अंक देने में भेदभाव

इलाहाबाद  : पीसीएस 2015 मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं जांचने वाले परीक्षकों ने परीक्षार्थियों को अंक देने में भी भेदभाव किया। तमाम चयनित और अचयनित अभ्यर्थियों की कॉपियों का मिलान करने पर सीबीआइ को पता चला है कि सवालों के उत्तर में समानता है लेकिन, नंबर किसी को कम दिये गए, किसी को अधिक। ऐसा क्यों हुआ, उत्तरों के लिए नंबर देने और मूल्यांकन का मानक क्या है, यह पूछने के लिए उन परीक्षकों से सीबीआइ पूछताछ करेगी। परीक्षकों को समन भेजा जाएगा। जुलाई के प्रथम सप्ताह में पूछताछ हो सकती है।


लोक सेवा आयोग की भर्तियों की जांच कर रही सीबीआइ ने पीसीएस 2015 परीक्षा में व्यापक गड़बड़ी पाई है। इनमें स्केलिंग और मॉडरेशन में मनमानी के तो साक्ष्य मिले हैं। एक जाति विशेष और उच्चाधिकारियों के सगे संबंधियों को अनुचित लाभ देने का भी सुबूत मिला है। सीबीआइ ने मार्च में आयोग से पीसीएस 2015 परीक्षा की सभी मूल कॉपियां मांग ली थीं। इन मूल कॉपियों में एक और बड़ी कमी पकड़ी है।


पता चला है कि हंिदूी भाषी अभ्यर्थियों और अंग्रेजी माध्यम के अभ्यर्थियों की कॉपियों में सवालों के उत्तर एक जैसे हैं। हंिदूी भाषी कई अभ्यर्थियों के उत्तर तो तथ्यात्मक रूप से बेहतर हैं फिर भी उन्हें नंबर देने में संकोच किया गया। अंग्रेजी माध्यम में एक चयनित और एक अचयनित अभ्यर्थी के उत्तर एक जैसे मिले, जबकि उनके अंकों में असमानता है। सीबीआइ सूत्र बताते हैं कि जिन परीक्षकों की ओर से नंबर देने में भेदभाव किया गया, उन्हें समन भेजकर बुलाया जाएगा।

जुलाई में हो सकती है पूछताछ, सीबीआइ जल्द भेजेगी समन

सीबीआइ ने मार्च में आयोग से मांग ली थी 2015 परीक्षा की सभी मूल कॉपियांपरीक्षकों को समन भेजने का यह भी कारण1आयोग में कॉपियां जांचने के लिए परीक्षकों का निर्धारण नियम से होना चाहिए। नियम यह है कि परीक्षा समिति की मीटिंग में परीक्षक तय किए जाते हैं और उन्हें चेक से भुगतान किया जाता है। लेकिन, सीबीआइ को पता चला है कि पीसीएस 2015 की कॉपियों को जांचने के लिए परीक्षकों का निर्धारण परीक्षा समिति की बैठक में नियमत: न करके मनमाने तरीके से चयन हुआ। उन्हें आयोग ने गाड़ियां भेजकर बुलाया। कई परीक्षकों को अब तक भुगतान नहीं हुआ, कई को नगद भुगतान किया गया। सीबीआइ को उस वाहन का नंबर भी मिल गया है जिससे परीक्षक बुलाए गए थे।

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