इलाहाबाद : उप्र लोकसेवा आयोग से पांच साल में हुई भर्तियों की जांच में अधिकारियों की फौज बढ़ाने के पीछे सीबीआइ की बड़ी रणनीति है। जिस तरह से जांच के दौरान और शिकायतों में भी गंभीर मामले सामने आ रहे हैं, आयोग से प्राप्त मूल अभिलेखों में व्यापक रूप से गड़बड़ी मिल रही है उसकी छानबीन करने के लिए टीम का बढ़ाया जाना सीबीआइ के लिए जरूरी भी हो गया है।
ऐसे में आसार जताए जा रहे हैं कि शीघ्र ही भर्ती में अनियमितता की कई और एफआइआर दर्ज कराई जा सकती है, उसमें कई अधिकारियों व चयनितों को नामजद करने के लिए टीम उन पर संदेह को पुख्ता करने में जुट गई है।भर्तियों की जांच में पीसीएस 2015 और लोअर सबॉर्डिनेट सहित चार प्रतियोगी परीक्षाएं सीबीआइ की प्राथमिकता में हैं। इसमें भी सबसे अधिक शिकायतें पीसीएस 2015 में हैं इसलिए चारों में सीबीआइ ने इस परीक्षा को प्राथमिकता पर रखा है।
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