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Wednesday, April 25, 2018

अब सीबीआइ ने शुरू की तकनीकी जांच, चयनित पीसीएस अफसरों और आयोग कर्मियों के बयानों का तार्किक विश्लेषण, चयन में असल वजह तलाश रहे जांच अधिकारी

इलाहाबाद : उप्र लोकसेवा आयोग से हुई भर्तियों की जांच में किसी निष्कर्ष से पहले सीबीआइ अब तकनीकी जांच की ओर बढ़ गई है। पीसीएस 2015 के चयनित अभ्यर्थियों और आयोग कर्मियों से हो रही पूछताछ में विरोधाभास होने के चलते सीबीआइ अफसर अलग-अलग समूह में बंटकर बयानों का तार्किक आधार पर समझने की कोशिश में जुट गए हैं। जिसमें यह भी देखा जा रहा है कि वास्तव में जिस अभ्यर्थी को नियम विरुद्ध चयनित किया गया या उसकी कापियों में नंबरों से छेड़छाड़ की गई उसकी वजह दरअसल क्या है।



इलाहाबाद के गोविंदपुर स्थित कैंप कार्यालय में पीसीएस 2015 के चयनितों से पूछताछ का सिलसिला जारी है। आयोग के अधिकारियों, सेवानिवृत्त अधिकारियों/ कर्मचारियों, चयनित पीसीएस अफसरों से कभी अलग-अलग तो कभी आमने सामने बैठाकर भर्ती का सच पूछा जा रहा है। इस बीच कई मामलों को लेकर सीबीआइ के सामने विरोधाभास की स्थिति बनी है, क्योंकि चयनितों और आयोग कर्मियों के बयान जांच टीम को किसी निष्कर्ष के रास्ते से भटका रहे हैं। ऐसे में सीबीआइ अफसर अब बयानों का तार्किक विश्लेषण करने में जुट गए हैं।



सीबीआइ सूत्रों के अनुसार भर्ती में धांधली के संदेह को तार्किक रूप से समझने के बाद ही कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा। सीबीआइ अफसरों का एक अलग समूह इस विश्लेषण में जुटा है।

■ उलझाव से बचने को ढूंढ़ा रास्ता : सीबीआइ ने शिकायतों और आयोग में पड़ताल के दौरान मिली स्थितियों में उलझाव से बचने के लिए नया तरीका खोजा है। जिन अभ्यर्थियों ने जो शिकायत दर्ज कराई उन्हें और उस शिकायत से संबंधित आयोग कर्मी को अब एक ही दिन बुलाया जा रहा है।

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