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Friday, April 27, 2018

भर्ती घोटाले में अब भी दोहरे मानक चला रहा जल निगम, सपा सरकार में मंत्री रहे आजम खां पर एफआइआर दर्ज हो गई, लेकिन निगम की अनियमितताएं थमी नहीं

लखनऊ : जल निगम के भर्ती घोटाले को लेकर सपा सरकार में मंत्री रहे आजम खां पर एफआइआर दर्ज हो गई, लेकिन निगम की अनियमितताएं थमी नहीं हैं। जिन भर्तियों को लेकर कार्रवाई हो रही है, निगम उसमें अब भी दोहरे मानक अपना रहा है। 1300 भर्तियों में खामियां एक जैसी थीं, जिस पर 122 सहायक अभियंताओं से काम शुरू कराने के बाद उनकी नियुक्तियां निरस्त कर दी गईं, लेकिन बाकी 1178 पदों पर नियुक्त जूनियर इंजीनियरों व लिपिकों को नोटिस तक नहीं दिया गया।



भर्ती परीक्षा में प्रश्नों के विकल्प गलत होने, ऑनलाइन आंसर शीट जारी न करने, भर्ती को लेकर वित्त विभाग के निर्देश न मानने और आचार संहिता लगने से पहले आधी रात में नियुक्ति पत्र जारी करने जैसी विसंगतियां जल निगम के तीनों पदों की भर्तियों में हुई थी। हाईकोर्ट के आदेश पर सहायक अभियंताओं की नियुक्तियां निरस्त कर दी गईं, जबकि बाकी पदों के लिए कोई सुगबुगाहट नहीं है।



 निगम अधिकारियों के मुताबिक हाईकोर्ट ने निगम प्रबंधन को तीन विकल्प दिए थे। पहले विकल्प में 122 सहायक अभियंताओं को सुनवाई का मौका देने और एक महीने की नोटिस दिए बिना निकालने के कारण उन्हें एक महीने का वेतन देने, दूसरे विकल्प के तहत गलत प्रश्नों को हटाकर नई मेरिट लिस्ट बनाने और तीसरे विकल्प के तौर पर नई याचिका दायर करने को कहा था। इस पर सुप्रीम कोर्ट गए निगम को वहां से भी हाईकोर्ट के तीन विकल्पों में से कोई आजमाने को कहा गया। कर्मचारियों के मुताबिक निगम ने इनमें से कोई विकल्प नहीं आजमाया है।



हाईकोर्ट ने 15 मई तक अनुपालन का दिया निर्देश : जल निगम के प्रबंध निदेशक राजेश मित्तल ने बताया कि हाईकोर्ट ने 122 सहायक अभियंताओं के मामले में 15 मई तक विकल्पों का अनुपालन करने का आदेश दिया है। मित्तल ने बताया कि निगम की ओर से रिव्यू पिटीशन में दोबारा मेरिट लिस्ट बनाकर प्रकरण का समाधान निकालने की बात कही थी, जिस पर न्यायालय ने तारीख तय कर दी है।


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