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Friday, May 4, 2018

माध्यमिक शिक्षा: शिक्षकों के खाली पदों को दूसरे स्रोत से नहीं भरेंगे, एडेड स्कूलों को खाली पदों पर देनी होगी नियुक्ति, एडेड कॉलेजों में शिक्षकों के अधियाचित पदों का मांगा गया सत्यापन

7:16:00 PM


 इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से चयनित अभ्यर्थियों को कार्यभार ग्रहण न कराने पर विद्यालय प्रबंध तंत्र पर अब कार्रवाई होगी। चयन बोर्ड जिन पदों पर अभ्यर्थियों का चयन करता है वे अधियाचन के सापेक्ष हैं इसलिए अभ्यर्थी को नियुक्ति देना अनिवार्य है। शुक्रवार को चयन बोर्ड अध्यक्ष वीरेश कुमार ने प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को वीडियो कांफ्रेंसिंग में ऐसे ही कई कड़े निर्देश जारी किए। 



उन्होंने निरीक्षकों से कहा कि पदों का जो अधियाचन भेजा जाए, जहां तक संभव हो उसमें संशोधन न हो और न ही किसी और माध्यम से उस पद को भरा जाए। डीआइओएस शासन की नीति के अनुरूप शुचिता और सावधानीपूर्वक तय जनशक्ति का परीक्षण करके ही अधियाचन भेजे, ताकि किसी तरह की विसंगति का सामना न करना पड़े। चयन बोर्ड अध्यक्ष ने निरीक्षकों से अधियाचन भेजने की स्थिति जानी और कहा कि जो रिक्त पदों की संख्या भेजी गई है, उसका सत्यापन एक बार अभिलेखों से जरूर करें। यदि कोई विसंगति मिलती है तो चयन बोर्ड को अनिवार्य रूप से अवगत कराएं। 




अध्यक्ष ने कहा कि वर्ष 2011 का विज्ञापन 19 नवंबर 2011 को जारी हुआ और 2016 का विज्ञापन पांच जून 2016 को जारी हुआ। दोनों विज्ञापनों में प्रवक्ता व स्नातक शिक्षक के पदों का सत्यापन शीघ्र भेजा जाए। ज्ञात हो कि 2011 के साक्षात्कार इसी माह शुरू कराने जा रहा है। अध्यक्ष ने जिला विद्यालय निरीक्षकों को यह भी बताया कि बोर्ड में दंड प्रकरणों के लिए मंडलवार समितियों का गठन किया जा चुका है। इन मामलों के निस्तारण की कार्रवाई तेजी से की जाएगी।


सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में खाली पदों की सूचना उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को भेजने के बाद डीआईओएस सुनिश्चित करेंगे की वह पद किसी दशा में दूसरे स्रोत (मृतक आश्रित, पदोन्नति आदि) से नहीं भरा जाए। चयन बोर्ड के अध्यक्ष वीरेश कुमार ने शुक्रवार को सभी डीआईओएस के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग में निर्देश दिये।


एनआईसी इलाहाबाद से वीडियो कान्फ्रेंसिंग कर रहे अध्यक्ष ने कहा कि शासन की ओर से निर्धारित जनशक्ति के अनुसार शुचितापूर्णक एवं सावधानीपूर्वक अधियाचनों (खाली पद) का परीक्षण करने के बाद ही समयबद्ध तरीके से भेजें ताकि विसंगतिपूर्ण स्थिति का सामना न करना पड़े। एक बार अधियाचन भेजने के बाद यथासंभव संशोधन न भेजे जाएं।अधियाचन के सापेक्ष ही अभ्यर्थियों का चयन होता है इसलिए अनिवार्य रूप से चयनित अभ्यर्थियों को कार्यभार ग्रहण कराया जाए। .


यदि इसमें विद्यालय प्रबंधतंत्र हीला-हवाली करता है तो उनके खिलाफ चयन बोर्ड अधिनियम एवं नियमावली में दी गई व्यवस्था के अनुसार कार्रवाई की जाए। टीजीटी (सहायक अध्यापक)-पीजीटी 2011 और 2016 के खाली पदों का दोबारा सत्यापन कर उसकी रिपोर्ट जल्द भेजने के निर्देश दिये। 



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