सीबीआइ की एफआइआर में आरोप है कि यूपीपीएससी के कुछ अधिकारियों ने पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी की सरकार के कार्यकाल में हुई परीक्षा में धांधली के साथ-साथ पक्षपात किया और कुछ जातियों के उम्मीदवारों को गैरजरूरी वरीयता प्रदान की। इंटरव्यू में भेदभाव हुआ, उत्तर पुस्तिका बदली गईं, प्रश्न लीक होने के बावजूद परीक्षा रद नहीं की गई। इसके अलावा, भर्ती में आरक्षण के नियमों का भी उल्लंघन हुआ। किसी खास क्षेत्र और जाति के लोगों को अधिक नंबर दिए गए। इसी अवधि के दौरान अधीनस्थ सेवाओं में नौकरी के लिए हुई परीक्षाओं में ये धांधलियां सामने आई हैं।
Saturday, May 5, 2018
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