NTA में बदलाव और युद्धस्तर की तैयारियां होंगी, जिलाधिकारी बताएंगे कहां बनाएं एक्जाम सेंटर
नई दिल्ली। राधाकृष्णन समिति की सिफारिशों के आधार पर एनटीए के परीक्षा कराने के तरीके में कई बदलाव दिखेंगे। इसकी तैयारी एकदम युद्धस्तर पर की जाएगी। एनटीए देशभर में सरकारी शिक्षण संस्थानों में चरणबद्ध तरीके से स्टैंडर्ड टेस्टिंग सेंटर बनाएगी। इसे वार-फुटिंग थीम का नाम दिया गया है, ताकि सुरक्षा, पारदर्शिता, जिम्मेदारी में किसी प्रकार का समझौता न हो।
जानकारी के मुताबिक, एनटीए ने सभी आईआईटी, एनआईटी, केवी, नवोदय विद्यालयों के अलावा राज्य सरकारों के सरकारी कॉलेजों, तकनीकी कॉलेजों में सेंटर बनाने के लिए पत्र लिखा है। इसमें उनसे सहयोग की मांग की गई है। सेंटर बनाने में एनटीए की तरफ से मदद की जाएगी। इसमें 500 से 1000 छात्रों के एक साथ बैठने की व्यवस्था होगी।
राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षाओं के लिए किस स्कूल या कॉलेज को सेंटर बनाना है, इसका फैसला उस जिले का डीएम करेगा। इसकी जांच में राज्य सरकार और पुलिस भी सहयोग करेगी। आम छात्रों के साथ-साथ दिव्यांग वर्ग के छात्रों की दिक्कतों को ध्यान में रखकर अलग से भी सेंटर बनाए जाएंगे। प्रश्न पत्रों, सेंटर की सुरक्षा का इंतजाम के लिए पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती होगी। कंप्यूटर आधारित परीक्षाओं के सेंटर चिह्नित होने के बाद एनआईसी और एनटीए की टीम दौरा करके जांच करेंगी।
हर जिले में परीक्षाओं की निगरानी के लिए सीसीटीवी मॉनिटरिंग सेंटर बनाए जाएंगे। अभी तक एनटीए हैडक्वार्टर दिल्ली से निगरानी होती थी। इस रिकार्डिंग की डीवीआर एनटीए के पास सुरक्षित रहेगी। समिति ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखड़, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख यानी उत्तरी हिमालयन राज्य के अलावा अंडमान निकोबार द्वीप समूह और उत्तर-पूर्वी राज्यों में मोबाइल टेस्टिंग सेंटर बनाने की सिफारिश है।
भर्ती परीक्षाओं का आयोजन अगले साल से नहीं करेगी NTA, शिक्षा मंत्री प्रधान ने किया एलान- सिर्फ उच्च शिक्षा में प्रवेश से जुड़ी परीक्षाएं ही कराएगी एजेंसी
एनटीए पर गठित उच्च अधिकार प्राप्त समिति की सिफारिश पर शिक्षा मंत्रालय ने लिया फैसला
नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को एलान किया कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) 2025 से भर्ती परीक्षाएं नहीं आयोजित करेगी। वह अब सिर्फ उच्च शिक्षा में प्रवेश से जुड़ी जेईई मेन, नीट, सीयूईटी जैसी परीक्षाएं ही कराएगी। इसके लिए 2025 में एनटीए का पुनर्गठन भी किया जाएगा। इसके कामकाज में बदलाव लाया जाएगा। इसके साथ ही एनटीए में स्थायी रूप से नए पद भीसृजित किए जाएंगे। प्रक्रिया शुरू हो गई है। दस पद शीर्ष स्तर के हैं।
यह पहल नीट परीक्षा में बड़े स्तर पर मिली गड़बड़ी के बाद इसरो के पूर्व अध्यक्ष डा. के राधाकृष्णन की अगुवाई में गठित उच्च अधिकार प्राप्त समिति की सिफारिश के बाद की गई है। समिति ने अपनी यह रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को अक्टूबर 2024 को सौंपीथी। शिक्षा मंत्री ने बताया कि समिति की सिफारिश पर काम शुरू कर दिया गया है। जो अहम कदम उठाए गए हैं, उनके तहत परीक्षा केंद्रों के चयन की प्रक्रिया बदली गई है। अब सिर्फ सरकारी संस्थानों, कालेजों व स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा। इनमें नवोदय व केंद्रीय विद्यालय भी शामिल होंगे।
प्रधान ने बताया कि परीक्षा में गड़बड़ी रोकने के लिए राज्यों और जिलों को परीक्षा प्रक्रिया में जोड़ा गया है। किसी भी जिले में परीक्षा केंद्र अब बगैर डीएम-एसपी की सहमति के नहीं बनेंगे। परीक्षाओं को साइबर खतरे से बचाने के लिए राज्यों की साइबर एजेंसियों की भी मदद ली जाएगी। एनटीए अब तक प्रवेश परीक्षाओं के साथ अलग- अलग विभागों की भर्ती परीक्षाएं भी आयोजित करती थीं। इसे पहले प्रवेश परीक्षाओं पर ही फोकस करने को कहा गया है। वैसे भी जेईई मेन, नीट सहित दूसरी प्रवेश परीक्षा में 50 लाख से अधिक छात्र शामिल होते हैं।
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