UPPSC ने जारी किए याचिकाकर्ताओं के प्राप्तांक, PCS J परीक्षा-2022 में अभ्यर्थियों कॉपियां बदले जाने का था मामला
08 दिसंबर 2024
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिवीजन) परीक्षा-2022 में दाखिल रिट याचिका श्रवण पांडेय बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य में इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से पारित आदेश के अनुपालन में शनिवार को 23 याचिकाकर्ताओं के प्राप्तांकों का विवरण जारी कर दिया। श्रवण पांडेय उत्तराखंड के नैनीताल के हल्द्वानी के रहने वाले हैं। वह नैनीताल हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं।
23 याचिकाकर्ताओं में से 20 परीक्षार्थियों के साक्षात्कार सहित कुल प्राप्तांक व तीन परीक्षार्थियों के केवल मुख्य परीक्षा के प्राप्तांक जारी किए गए हैं। पीसीएस जे परीक्षा-2022 में गलत कोडिंग के कारण 50 अभ्यर्थियों की कॉपियां एक-दूसरे से बदल गई थीं। इस मामले को सामने लाने वाले श्रवण पांडेय ने जब जनसूचना अधिकार के तहत अपनी कॉपी देखी तो पाया कि उनके अंग्रेजी विषय की कॉपी बदल गई है।
श्रवण ने न्यायालय में याचिका दाखिल की। इसके बाद न्यायालय ने आयोग से अभ्यर्थी की कॉपी तलब कर ली। मामला सामने आने के बाद आयोग ने मुख्य परीक्षा में शामिल सभी 3019 परीक्षार्थियों को कॉपियां देखने के लिए आमंत्रित किया। इसमें से 44.48 फीसदी परीक्षार्थियों ने अपनी कॉपियां देखीं। बाद में आयोग ने मुख्य परीक्षा का संशोधित परिणाम जारी किया, जिनमें पांच नए अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए सफल घोषित किया गया।
इन पांच नए अभ्यर्थियों में याचिकाकर्ता श्रवण पांडेय भी शामिल थे। हालांकि, इंटरव्यू में शामिल होने के बाद उनका अंतिम चयन नहीं हो सका। बाद में जारी अंतिम परिणाम में दो नए अभ्यर्थियों को चयन हुआ और पूर्व में चयनित दो मेरिट से बाहर हो गए।
पीसीएस-जे 2022 की मुख्य परीक्षा के याचियों की कॉपियां कोर्ट में तलब, हाईकोर्ट ने नंबर भी आयोग की वेबसाइट पर अपलोड करने का दिया आदेश
06 दिसंबर 2024
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीसीएस-जे 2022 की मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं में अदला-बदली व अभ्यर्थियों के अंक कम किए जाने के मामले में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से याचियों की कॉपियां सीलबंद लिफाफे में तलब की हैं। साथ ही सात दिसंबर को इनके अंक भी आयोग की वेबसाइट पर अपलोड करने का आदेश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह और न्यायमूर्ति डी रमेश की अदालत ने श्रवण पांडे समेत दर्जनों याचियों की ओर से दाखिल याचिका पर दिया है। पीसीएस-जे की मुख्य परीक्षा की कॉपियों में अदला-बदली के कारण अंकों में बदलाव को लेकर अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद आयोग ने अदला-बदली की बात स्वीकार कर कार्रवाई की थी। इसके बाद संशोधित परिणाम जारी किया था।
वहीं, परिणाम में परिवर्तन करते हुए दो चयनित अभ्यर्थियों को बाहर करके दो को चयन में शामिल करने का निर्णय लिया और प्रदेश सरकार को उसकी संस्तुति भेज दी। इसके बाद भी असंतुष्ट अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट से मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में लेने का अनुरोध किया था।
हालांकि, कोर्ट ने कहा था कि पीड़ित याचियों के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खुला है। लिहाजा, श्रवण पांडे के बाद कई अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की और भर्ती प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं। याचियों का कहना है कि उनके उत्तर सही होने के बावजूद उन्हें या तो शून्य अंक दिए गए हैं या फिर उम्मीद से भी कम मिले हैं।
आरोप है कि प्रारंभिक मूल्यांकन के बाद जानबूझकर उनके अंक कम कर दिए गए। कोर्ट ने शिकायतों के मद्देनजर उत्तर पुस्तिकाओं की तलब कर कहा कि इस स्थिति में उत्तर पुस्तिकाओं के न्यायिक मूल्यांकन की आवश्यकता है। जबकि, अभ्यर्थियों को प्राप्त अंकों में छेड़छाड़ की शिकायत को देखते हुए कोर्ट ने कहा कि लिखित परीक्षा और साक्षात्कार में मिले अंक को 24 घंटे के भीतर वेवसाइट पर लोड कर दिया जाए। अब मामले की सुनवाई 12 दिसंबर को होगी।
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