सीयूईटी यूजी में विकल्प वाले प्रश्न हटाए जाएंगे
नई दिल्ली, । सीयूईटी-यूजी वर्ष 2025 से कंप्यूटर आधारित परीक्षा के तौर पर आयोजित की जाएगी। परीक्षा के लिए 60 मिनट की समान अवधि होगी विकल्प वाले प्रश्न हटाए जाएंगे। छात्रों को किसी भी विषय में परीक्षा देने की इजाजत होगी, भले ही उन्होंने कक्षा 12वीं में उस विषय की पढ़ाई न की हो।
यूजीसी अध्यक्ष जगदीश कुमार ने मंगलवार को बताया कि आयोग द्वारा गठित विशेषज्ञों की एक समिति ने परीक्षा की समीक्षा की। कई बदलावों का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा, बीते वर्ष के ‘हाइब्रिड मोड’ (कंप्यूटर,उत्तर पुस्तिका वाली व्यवस्था) के विपरीत 2025 से परीक्षा का माध्यम सीबीटी (कंप्यूटर आधारित परीक्षा) होगा।
परीक्षा के लिए विषयों की संख्या भी 63 से घटाकर 37 कर दी गई है। हटाए गए विषयों के लिए प्रवेश सामान्य योग्यता परीक्षण में मिले अंक से होंगे। 33 भाषाओं के लिए 13 भाषाओं में ही परीक्षाएं होंगी। यूजीसी अध्यक्ष ने कहा कि विद्यार्थी छह की बजाय अधिकतम पांच विषयों में परीक्षा दे पाएंगे।
CUET UG और PG 2025 की परीक्षा में होंगे बड़े बदलाव,
परीक्षा अवधि हो सकती एक घंटा, संशोधित गाइडलाइन जल्द
CUET UG व PG में अहम बदलाव, सीबीटी मॉड में होगी परीक्षा
नई दिल्ली। विश्वविद्यालयों में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में दाखिले की सीयूईटी यूजी और सीयूईटी पीजी 2025 की परीक्षा में बदलाव होने जा रहा है। छात्रों को तनावमुक्त रखने के मकसद से रैग्यूलेशन 2024 और एनटीए रिफार्म कमेटी की सिफारिशों के तहत पेपरों की संख्या सीमित (कम) और परीक्षा की अवधि 45 मिनट से बढ़ाकर एक घंटे करने की तैयारी चल रही है।
सीयूईटी यूजी 2025 में संबंधित स्ट्रीम को समझने वाले जरूरी विषयों को ही लिखित मूल्यांकन में शामिल किया जाएगा। यूजीसी जल्द सीयूईटी यूजी और सीयूईटी पीजी 2025 के लिए संशोधित गाइडलाइन जारी करेगा। इसमें परीक्षा पैटर्न, प्रश्नपत्रों की संख्या, पेपर की अवधि, पाठ्यक्रम और परीक्षा मोड (हाईब्रिड और कंप्यूटर आधारित) में बदलाव दिखेगा।
यूजीसी अध्यक्ष प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने सोमवार को सीयूईटी यूजी और सीयूईटी पीजी 2025 की परीक्षा में जुटे छात्रों के साथ दाखिला परीक्षा को लेकर संवाद किया। इसमें छात्रों से विश्वविद्यालयों में दाखिले की प्रवेश परीक्षाओं को लेकर विस्तार से बात की। जिसमें पाठ्यक्रम, परीक्षा का माध्यम, समय, विषय, कठिनता लेवल आदि शामिल था। छात्रों ने अपने अनुभव व दिक्कतों के बारे में खुलकर बताया।
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