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Sunday, July 29, 2018

एलटी ग्रेड : आयोग ने लाखों अभ्यर्थियों से छीन लिया परीक्षा का अवसर, अभ्यर्थियों ने दो विषयों का इंतिहान देने का किया था आवेदन, एक में ही हो पाए शामिल

इलाहाबाद : एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में आधे अभ्यर्थियों के इम्तिहान छोड़ने का गुनहगार खुद उप्र लोकसेवा आयोग है। हड़बड़ी में यूपी पीएससी की फिर एक बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। लाखों अभ्यर्थियों ने शिक्षक भर्ती के लिए दो विषयों के लिए आवेदन किया था लेकिन, यूपी पीएससी ने प्रदेश भर में एक समय में पूरी परीक्षा एक साथ करा दी। इससे दूसरे विषय के इम्तिहान का अवसर जबरन छीन लिया गया है। यूपी पीएससी के मनमाने निर्णय से अभ्यर्थियों को एक ही विषय का इम्तिहान देने के लिए मजबूर होना पड़ा।

उप्र लोकसेवा आयोग ने परीक्षा से पहले निर्णय लिया कि वह एक ही दिन एक ही समय में पूरी परीक्षा कराएगा। इससे प्रतियोगी हैरान थे, वैसे राजकीय कालेजों में एलटी ग्रेड की लिखित परीक्षा पहली बार हुई थी लेकिन, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र स्नातक शिक्षकों की परीक्षाएं कराता आ रहा है और वह दो विषयों में आवेदन करने वालों को अलग-अलग परीक्षा देने का मौका देता रहा है।

इन विषयों में दो आवेदन

विज्ञान व गणित : यदि कोई अभ्यर्थी भौतिक, रसायन व गणित यानी पीसीएम से बीएससी और बीएड किया है तो वह विज्ञान व गणित दोनों विषय में आसानी से दावेदारी कर सकता है।

हंिदूी व संस्कृत : यदि कोई अभ्यर्थी स्नातक में हंिदूी व संस्कृत विषय से बीए और बीएड किया है तो वह हंिदूी व संस्कृत दोनों विषयों की परीक्षा देने के लिए अर्ह है।

सामाजिक विज्ञान : यदि कोई अभ्यर्थी अर्थशास्त्र, नागरिक शास्त्र, भूगोल व इतिहास जैसे विषयों को लेकर स्नातक व बीएड किया है तो वह भी दो साल पढ़ने वाले दो विषयों में आवेदन कर सकता है।

कंप्यूटर व कला विषय की अर्हता भी आड़े आयी : परीक्षा में कंप्यूटर व कला विषय की अर्हता भी परीक्षार्थियों की उपस्थिति कम करने में आड़े आयी है। कंप्यूटर के लिए बीसीए व बीएड मान्य था, लेकिन एमसीए करने वालों ने भी दावेदारी की। प्रकरण कोर्ट तक गया लेकिन, सफलता नहीं मिल सकी। ऐसे ही कला विषय की चयन बोर्ड व राजकीय अर्हता का प्रकरण तूल पकड़ा। इनके अभ्यर्थी परीक्षा से दूर हुए।

जीव विज्ञान, संगीत विषय अमान्य होना : चयन बोर्ड ने लिखित परीक्षा के पहले 12 जुलाई को हाईस्कूल में जीव विज्ञान व संगीत विषय न होने का एलान किया। इससे परीक्षार्थियों ने इम्तिहान टालने की मांग की। वह पूरी नहीं हुई तो हाईकोर्ट पहुंचे। कोर्ट ने परीक्षा पर रोक नहीं लगाई लेकिन, सरकार से जवाब मांगा है। इसके अभ्यर्थियों ने भी परीक्षा में रुचि नहीं दिखाई है।

दूसरा अवसर न मिलना बड़ा कारण : यूपीपीएससी के सचिव जगदीश ने बताया कि परीक्षार्थियों को दूसरे विषय में इम्तिहान का अवसर न मिलने से भी उपस्थिति पर असर पड़ा है लेकिन, आयोग ने एक साथ परीक्षा का निर्णय लिया था। इसलिए परीक्षार्थियों को दो में से एक विषय चुनना पड़ा।

>>अभ्यर्थियों ने दो विषयों का इम्तिहान देने को किया था आवेदन

>>प्रदेश भर में एक समय में सभी विषयों की परीक्षा एक साथ हुई

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