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Sunday, July 22, 2018

सीबीआइ की प्राथमिकता में पीसीएस परीक्षा की जांच, कॉपियों की जांच के लिए तैयार की जाने लगीं स्कैनिंग मशीनें

5:32:00 PM

एपीएस 2010 समेत अन्य परीक्षाओं की जांच बाद में होगी

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : पीसीएस परीक्षा 2015 में मॉडरेशन और पीसीएस परीक्षा 2011 में स्केलिंग की आड़ लेकर एक विशेष जाति के अभ्यर्थियों पर खास मेहरबानी। यूपी पीएससी से हुई भर्तियों की जांच कर रही सीबीआइ ने व्यापक रूप से गड़बड़ी मिलने पर अब इन्हीं परीक्षाओं को प्राथमिकता पर ले लिया है। एपीएस भर्ती 2010, समेत अन्य भर्तियों की जांच इसके बाद शुरू होगी। क्योंकि एपीएस 2010 की जांच का नोटिफिकेशन भी जारी करने में सरकारी अधिकारियों की ओर से लेटलतीफी हो रही है, जबकि पीसीएस 2011 का परिणाम 2012 के बाद आने से इसकी जांच का अधिकार सीबीआइ के पास पहले से है।

अभ्यर्थियों से मिली शिकायतों और यूपी पीएससी (उप्र लोक सेवा आयोग) से प्राप्त रिकार्ड व कई प्रस्ताव का परीक्षण कर सीबीआइ ने पीसीएस 2011 परीक्षा में अंकों की स्केलिंग और इसके बाद साक्षात्कार में एक जाति विशेष के अभ्यर्थियों को अधिक अंक देकर उत्तीर्ण किए जाने के साक्ष्य जुटाए हैं। इस परीक्षा के चयनितों की तैनाती के बारे में पिछले दिनों सीबीआइ ने उप्र सरकार से जानकारी भी मांगी थी। सीबीआइ सूत्रों की मानें तो प्रदेश सरकार से अभी तक चयनितों के बारे में कोई जवाब नहीं आया है। लेकिन, जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कुल 389 पदों पर चयन के लिए हुई परीक्षा में करीब डेढ़ सौ अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में दिए गए अंकों पर संदेह है। इनमें अधिकांश एक जाति विशेष के हैं। सीबीआइ सूत्रों का यह भी कहना है कि पीसीएस 2015 की जांच में भी स्केलिंग में गड़बड़ी की जानकारी हो चुकी है। जांच के उसी फामरूले के आधार पर पीसीएस 2011 में अभ्यर्थियों के अंकों में स्केलिंग की गड़बड़ी पकड़ने में अधिक समय नहीं लगेगा।

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