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Wednesday, June 13, 2018

यूनिवर्सिटी में पढ़ाने को पीएचडी जरूरी कालेजों में पढ़ाने के लिए मौजूदा व्यवस्था रहेगी जारी

7:55:00 PM

विविद्यालय अनुदान आयोग ने विविद्यालयों व कालेजों में भर्ती, योग्यता तथा प्रोन्नति को लेकर कुछ बदलाव किये हैं जिनमें बड़ा बदलाव विविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर पद के लिये पीएचडी की अनिवार्यता है। 1 जूलाई, 2021 से विविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पद पर सीधी भर्ती के लिए पीएचडी डिग्री अनिवार्य होगी, लेकिन स्नातकोत्तर डिग्री कालेजों में नेट और पीएच.डी डिग्री के साथ मौजूदा व्यवस्था बनी रहेगी। कालेजों में प्रोफेसर पद तक अब प्रोन्नति भी हो सकेगी। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज पत्रकारों से वार्ता करते हुए इस बदलाव की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विविद्यालयों और कॉलेजों में उच्च गुणवत्ता संपन्न शिक्षकों तथा अन्य शैक्षिक स्टॉफ को आकर्षित करने और उन्हें बनाए रखने के लिए यूजीसी ने नए नियम बनाए है। उन्होंने बताया कि 2010 के नियम और बाद के संशोधनों में शिक्षको के प्रोत्साहन संबंधी प्रावधान बने रहेंगे। इनमें एम.फिल/पीएच.डी के लिए प्रोत्साहन शामिल है.। एपीआई आधारित पीबीएएस पण्राली समाप्त कर दी गई है। एक नई सरल शिक्षक मूल्यांकन ग्रेडिंग पण्राली लागू की गई है और शोध कार्य में सुधार के लिए विविद्यालयों के लिए शोध अंक जोड़े गए है।उन्होंने बताया कि विविद्यालयों शिक्षकों के लिए सीएएस के अंतर्गत पदोन्नति मानक को और अधिक शोध केन्द्रित बनाया गया है, जबकि कॉलेज शिक्षकों के मामले में सीएएस मानक में शिक्षण पर अधिक फोकस किया गया है।पहली बार कॉलेजों में प्रोफेसर स्तर तक पदोन्नति के लिए प्रावधान किया गया है। शीर्ष 500 ग्लोबल रैंकिंग के विविद्यालय/संस्थान से पीएच.डी डिग्री प्राप्तकर्ताओं के लिए विविद्यालयों और कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर की भर्ती के लिए विशेष प्रावधान किया गया है।
द सहारा न्यूज ब्यूरोनई दिल्ली

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