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Tuesday, September 18, 2018

UPPSC : लंबित परिणामों को लेकर आयोग में आई तेजी, सितम्बर माह में कई परीक्षाओं के परिणाम घोषित करना प्राथमिकता- आयोग

लंबित परिणामों को लेकर यूपीपीएससी में आई तेजी

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : महत्वपूर्ण परीक्षाओं के परिणाम लंबित रखने को लेकर अभ्यर्थियों के आक्रोश का सामना कर रहे यूपीपीएससी (उप्र लोकसेवा आयोग) से अब राहत मिलने वाली है। इस महीने और अक्टूबर में भी परिणाम पर यूपीपीएससी जल्द ही अंतिम निर्णय लेगा। मुख्य सचिव के निर्देशों के क्रियान्वयन में पीसीएस (मुख्य) परीक्षा 2016, राज्य अभियंत्रण सेवा परीक्षा 2013 के अलावा आरओ-एआरओ (प्रारंभिक) परीक्षा 2017 का परिणाम भी दिए जाने की सुगबुगाहट तेज है। यूपीपीएससी ने हालांकि सितंबर माह में घोषित तौर पर पीसीएस 2016 की मुख्य परीक्षा के परिणाम को ही प्राथमिकता बताया है।

यूपीपीएससी की ओर से परीक्षाओं के परिणाम पर निर्णय न लेने से हजारों अभ्यर्थियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि नई परीक्षाएं धड़ाधड़ कराने और पूर्व में विज्ञापित विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए स्क्रीनिंग परीक्षाएं भी शुरू कराने से वे सभी अभ्यर्थी खुद को सौतेला महसूस करने लगे हैं जिन्हें परीक्षा दिए हुए दो साल हो गए लेकिन, परिणाम अब भी अंधकार में है। स्टाफ नर्स (महिला) भर्ती के परिणाम में यूपीपीएससी की अधिक तरजीह ने अपने परिणाम का इंतजार कर रहे अन्य परीक्षाओं के अभ्यर्थियों को ठेस पहुंचाई। यूपीपीएससी की ओर से परिणामों पर इस महीने और अक्टूबर की कार्ययोजना ऐसे सभी अभ्यर्थियों को राहत पहुंचाने वाली है। सचिव जगदीश की मानें तो सितंबर में पीसीएस (मुख्य) परीक्षा 2016, का परिणाम जारी किया जाना है। फिलहाल इसी पर अधिक जोर है। इसके बाद अन्य पर निर्णय लिया जाएगा। राज्य अभियंत्रण सेवा परीक्षा 2013, के परिणाम पर यूपीपीएससी की ओर से पूर्व में ही यह बताया जा चुका है कि एई के 952 पदों का परिणाम अक्टूबर में और जेई के 3222 पदों पर परिणाम साल के अंत तक घोषित किया जाएगा। इस परिणाम को लेकर भी यूपीपीएससी में कवायद तेज हो गई है

शारीरिक अनुदेशक के विषय को समङों शारीरिक शिक्षा : यूपीपीएससी की ओर से 23 सितंबर को होने वाली प्रवक्ता राजकीय इंटर कालेज स्क्रीनिंग परीक्षा-2017, में शारीरिक अनुदेशक के पद को और स्पष्ट किया गया है। यूपीपीएससी के सचिव जगदीश ने कहा है कि शारीरिक अनुदेशक पद के लिए विषय शारीरिक शिक्षा समझा जाए।

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