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Friday, August 17, 2018

UPPSC : अब फोरेंसिक टीम खोलेगी भर्तियों में गड़बड़ी के राज, कम्प्यूटर से डिलीट डाटा प्राप्त करने की कवायद शुरू

अबफोरेंसिक टीम खोलेगी भर्तियों में गड़बड़ी के राज

सीबीआइ

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : उप्र लोकसेवा आयोग यानि यूपीपीएससी से हुई भर्तियों की जांच में परीक्षा विभाग के कंप्यूटरों से प्राप्त डाटा खंगाल कर फोरेंसिक टीम कई राज खोलेगी। फोरेंसिक विशेषज्ञ यह पता लगा रहे हैं कि जो रिकॉर्ड कंप्यूटर से डिलीट कर दिए गए वह वापस कैसे मिल सकते हैं और रिकॉर्ड को डिलीट करने के पीछे आखिर यूपीपीएससी ने क्या छिपाने की कोशिश की है। के अधिकारी इसके लिए दूसरे राज्यों में तैनात विशेषज्ञों से मदद ले रहे हैं। इसकी जिम्मेदारी एक वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी को दी गई है।1विगत पांच महीनों में ने यूपीपीएससी के परीक्षा विभाग में सभी कंप्यूटर से पीसीएस परीक्षा 2015, लोअर सबॉर्डिनेट परीक्षा 2013, पीसीएस जे 2015 और आरओ-एआरओ 2014 के डाटा अपनी हार्ड डिस्क में ले लिया है। इमेज स्कैनिंग के दौरान फोरेंसिक टीम को यह पता लगा था कि तमाम अहम जानकारी कंप्यूटर की हार्ड डिस्क में नहीं थी, जबकि उनसे संबंधित शिकायतों व जांच पड़ताल के दौरान गड़बड़ी के साक्ष्य मिले थे। फोरेंसिक टीम को यह तक जानकारी हुई थी कि परीक्षा विभाग में पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल यादव के इशारे पर कंप्यूटर के साफ्टवेयर तक बदले गए। अधिकारी बेहद आधुनिक तकनीक से परीक्षा संबंधित कंप्यूटर डाटा को खंगालने में जुटे हैं। दूसरे राज्य में तैनात एक वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी को फोरेंसिक जांच का मास्टर माना जाता है। उसी अधिकारी की मदद से टीम ने यूपीपीएससी के कंप्यूटरों से डिलीट हुए डाटा को वापस प्राप्त करने का प्रयास शुरू कर दिया है। सूत्रों की मानें तो यूपीपीएससी ने जितने भी नियमों में बदलाव किए उसमें एक जाति विशेष के अभ्यर्थियों को लाभ देने के मकसद से बने नियम लिखा पढ़ी में गायब हैं। साक्षात्कार बोर्ड गठन से संबंधित मनमाने निर्णय भी लिए गए थे जिनके रिकार्ड कंप्यूटर से प्राप्त डाटा से ही मिल सकते हैं।

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