पीसीएस परीक्षा का परिणाम रोक यूपीपीएससी ने दोहराया इतिहास
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : परीक्षाओं में गड़बड़ी तो कभी परिणाम में लेटलतीफी का रिकार्ड बना रहे उप्र लोकसेवा आयोग यानि यूपीपीएससी ने पीसीएस 2016 की मुख्य परीक्षा के परिणाम में एक नया रिकॉर्ड बनाया है। 2001 में स्केलिंग के मामले को लेकर शीर्ष कोर्ट में चले वाद के चलते पीसीएस का परिणाम आने में डेढ़ साल लग गए थे और अब पीसीएस 2016 की मुख्य परीक्षा का परिणाम भी दो साल में जारी नहीं किया जा सका है। इससे 12897 अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में है और 633 पदों पर चयन अटका है।
यूपीपीएससी ने पीसीएस (मुख्य) परीक्षा 2016 को 20 सितंबर से पांच अक्टूबर 2016 तक कराया था। इसमें 12897 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। गलत प्रश्नों का मामला पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट और फिर शीर्ष कोर्ट में गया। शीर्ष कोर्ट से स्टे मिलने के बाद यूपीपीएससी ने परीक्षा तो करा ली लेकिन, परिणाम पर दो साल बाद भी असमंजस की स्थिति बनी है। कुछ अभ्यर्थियों की याचिका पर हाईकोर्ट ने परिणाम रद कर स्केलिंग को हटाते हुए संशोधित परिणाम जारी करने का आदेश दिया था। तत्कालीन अध्यक्ष प्रो. केबी पांडेय के निर्देशन में कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ शीर्ष कोर्ट में एसएलपी दाखिल की गई थी। सचिव जगदीश का कहना है कि परिणाम जारी करने में कोई देरी नहीं हो रही है। इसके पीछे नए सदस्यों की नियुक्ति का भी इंतजार किया जा रहा है, क्योंकि परिणाम जारी हो जाने पर भी साक्षात्कार की तारीखें घोषित करने में दिक्कत होगी क्योंकि नए सदस्यों की नियुक्ति कब हो रही है इसकी शासन से अभी स्पष्ट जानकारी नहीं आई है।
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