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Monday, December 28, 2015

सीसैट अब क्वालीफाइंग, प्रतियोगियों को प्रदेश सरकार ने नए साल का दिया तोहफा

📌 राज्य सरकार ने दी मंजूरी, 2016 की पीसीएस परीक्षा से होगा लागू,
📌 आइएएस की तर्ज पर हिन्दू भाषी छात्रों को मिली बड़ी राहत

इलाहाबाद : राज्य सरकार ने सोमवार हिन्दू भाषी छात्रों को बड़ी राहत देते हुए उत्तर प्रदेश पीसीएस परीक्षा में सीसैट को क्वालीफाइंग कर दिया है। अब इस परीक्षा में प्रतियोगियों के लिए न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक हासिल करना ही जरूरी होगा। प्रतियोगी छात्र लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। आदेश जारी होने के बाद छात्रों ने मंगलवार को जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रस्तावित धरना स्थगित कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि 2011 की आइएएस प्रारंभिक परीक्षा से सीसैट लागू हुआ था। उत्तर प्रदेश में इसे 2012 की पीसीएस परीक्षा से लागू किया गया था, जिसके बाद से ही इसका विरोध होने लगा था। छात्रों के प्रदर्शन के बाद अंतत: आइएएस- 2014 प्रारंभिक परीक्षा में इसे क्वालीफाइंग कर दिया गया। इसके बाद से प्रदेश में भी इसे हटाने की मांग की जा रही थी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने डा. अनिल यादव के कार्यकाल में इस आशय का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था लेकिन तब सरकार ने उसे संज्ञान में नहीं लिया। अनिल यादव की नियुक्ति अवैध ठहराए जाने के बाद उनके स्थान पर अध्यक्ष का पद संभालने वाले डा. एसके जैन ने दोबारा इस आशय का प्रस्ताव शासन को भेजा। इस बीच आयोग पीसीएस-2016 की तैयारी में भी लगा हुआ था। इस परीक्षा की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा की तारीखें घोषित की जा चुकी हैं, हालांकि अभी विज्ञापन नहीं जारी हुआ है। शासन में हो रहे विलंब से प्रतियोगी छात्रों में बेचैनी थी।


सी-सैट का मतलब है सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट। इसके तहत प्रारंभिक परीक्षा के सिलेबस और पैटर्न में कई बदलाव किए गए हैं। सीसैट लागू हो जाने के बाद प्रतियोगियों को वैकल्पिक विषयों में से किसी एक विषय का चुनाव नहीं करना होता। सामान्य अध्ययन के अलावा सभी को एक समान एप्टीट्यूड टेस्ट देना होता है।

शासन का यह फैसला प्रतियोगी छात्रों का हौसला बढ़ाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री का आभारहम वह सारे वायदे पूरे करेंगे जो प्रतियोगी छात्रों से कर चुके हैं। -डा. एसके जैन, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग

यह छात्रों की जीत है। इससे पीसीएस में सामान्य घरों के बच्चों की भागीदारी बढ़ेगी। हम चाहते हैं कि प्रतियोगियों को दो अवसर दिए जाएं।’-अवनीश पांडेय, सचिव, प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति

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