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Thursday, November 1, 2018

UPPSC : PCS : बढ़ सकते हैं बीडीओ के पद, वर्तमान अधियाचन में सबसे अधिक पदों की संख्या एसडीएम की और सबसे कम है बीडीओ की

पीसीएस में बढ़ सकते हैं बीडीओ के पद

लापरवाही
वर्तमान अधियाचन में सबसे अधिक पदों की संख्या एसडीएम की और सबसे कम है बीडीओ की
प्री के प्रश्नपत्रों में वर्तनी व मात्रत्मक अशुद्धियां

राज्य ब्यूरो, प्रयागराज : पीसीएस भर्ती 2018 में प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम आने से पहले खंड विकास अधिकारी यानी बीडीओ के रिक्त पदों पर अधियाचन बढ़ सकता है। परीक्षा के लिए यूपीपीएससी को मिले अधियाचन के अनुसार बीडीओ के केवल छह रिक्त पद ही हैं, जबकि प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव की ओर से 14 सितंबर 2018 को सभी जिलाधिकारी को जारी पत्र के अनुसार वर्तमान में खंड विकास अधिकारी के 460 पद रिक्त हैं। कार्य प्रभावित न हो इसके लिए इस पद पर विभिन्न शासनादेश के अनुसार अन्य अधिकारियों को प्रभार देने के निर्देश दिए गए थे।

उप्र लोकसेवा आयोग यानी यूपीपीएससी की ओर से कराई जा रही पीसीएस भर्ती 2018 में इस संवर्ग के 831 अधिकारियों का विभिन्न पदों पर चयन होना है। जिसमें सबसे अधिक एसडीएम के 119 पद, डिप्टी एसपी के 94, आबकारी निरीक्षक के 146, जीआइसी प्रिंसिपल के 62, श्रम प्रवर्तन अधिकारी के 13, खाद्य सुरक्षा अधिकारी के 58, डिप्टी रजिस्ट्रार के 21 और जिला सूचना अधिकारी के 43 पदों के अलावा खंड विकास अधिकारी के सिर्फ छह पदों का ही अधियाचन है। यूपीपीएससी ने इन पदों की जानकारी छह जुलाई को दी थी। वहीं बीडीओ के पदों का अधियाचन बढ़ाए जाने की मांग अभ्यर्थी भी कर रहे हैं। दूसरी ओर यूपीपीएससी ने भी पीसीएस भर्ती का विज्ञापन जारी करने के दौरान अपने नियम के अनुसार यह उल्लिखित किया था कि शासन के अनुरोध पर पदों की संख्या घट-बढ़ भी सकती है। लेकिन, यह बदलाव केवल प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जारी होने से पहले ही हो सकता है। ऐसे में अभ्यर्थियों को इसकी उम्मीद भी है कि भर्ती में सबसे कम बीडीओ के पद हैं इसलिए इनके अधियाचन में वृद्धि हो सकती है। 1इस संबंध में सचिव जगदीश का कहना है कि अधियाचन शासन की ओर से मिलता है। प्रारंभिक परीक्षा से पहले बीडीओ के पदों के संबंध में कोई प्रस्ताव आता है तो उस पर यूपीपीएससी निर्णय लेगा।

राज्य ब्यूरो, प्रयागराज : पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2018 में दो गलत प्रश्न ही नहीं पूछे गए, बल्कि हंिदूी व सामान्य अध्ययन के प्रश्नपत्रों में ढेरों भाषाई और वर्तनी अशुद्धियां भी हैं। विशेषज्ञों की अशुद्ध लेखनी और यूपीपीएससी की अनदेखी इस मायने में भी गंभीर है, क्योंकि इस परीक्षा के जरिए प्रदेश को पीसीएस संवर्ग के सैकड़ों अधिकारी मिलने वाले हैं।

हंिदूी भाषा विद और समीक्षक डा. पृथ्वीनाथ पांडेय के अनुसार सामान्य अध्ययन में एक प्रश्न पूछा गया कि ‘निम्नलिखित युग्मों में से कौन सही सुमेलित नहीं है’। उत्तर विकल्प ‘ए’ अदीना मस्जिद-मांडु, ‘बी’ में लाल दरवाजा मस्जिद-जौनपुर, ‘सी’ में दाखिल दरवाजा-गौड़ तथा ‘डी’ में तीन दरवाजा-अहमदाबाद, दिया गया है। इस प्रश्न में जब सुमेलित है तब ‘सही’ शब्द का औचित्य ही नहीं है। क्योंकि सुमेलित का अर्थ ही होता है कि ‘अच्छी तरह से मिलान किया गया’। इस प्रश्न के दो उत्तर विकल्प भी गलत दिए गए। इसका बी और डी विकल्प सही है, जबकि ए और सी विकल्प गलत। ए का उत्तर पाण्डुआ और सी का मालदा होगा। एक और प्रश्न ‘निम्नलिखित युग्मों में से कौन सही सुमेलित नहीं है’ दिया गया। उत्तर विकल्प ‘ए’ ध्रुवदास-भगत नामावली, ‘बी’ नाभादास-भक्तमाल, ‘सी’ रसखान-रसिकप्रिया और ‘डी’ उस्मान-चित्रवली रखा गया है। इसके भी दो उत्तर सही और दो गलत हैं। ध्रुवदास ने भगत नामावली नहीं, बल्कि भक्तनामावली की रचना की थी। ‘डी’ विकल्प में उस्मान की बजाए उसमान होगा। प्रश्न संख्या 10 में पूछा गया है कि चंद्रमा और ब्राrाण के लिए लिये एक शब्द है। इस प्रश्न में ‘लिये’ गलत दिया गया है। ‘लिये’ शब्द क्रिया है जबकि यहां अपव्यय के रूप में ‘लिए’ शब्द का प्रयोग किया गया है। यह भी दावा है कि एक प्रश्न में ‘आवरोही क्रम’ शब्द लिखा है, जबकि सही शब्द ‘अवरोही’ है। यहां यह भी सवाल उठाया कि प्रश्नपत्र तैयार करने वाला अवरोही क्रम की बात उठा रहा है या आरोही क्रम की? प्रश्न 34 के उत्तर विकल्प ए में अशोघित जन्म दर, बी में अशोघित मृत्यु दर, सी में प्रव्रजन दिए गए हैं। वर्तनी की दृष्टि से तीनों ही अशुद्ध हैं। शुद्ध शब्द क्रमश: ‘शोधित जन्मदर’, ‘अशोधित मृत्युदर’ और प्रब्रजन शब्द का इस्तेमाल होना चाहिए। 1हंिदूी भाषा के प्रश्नपत्र में प्रश्न नौ को देखें। डा. पांडेय के अनुसार यह प्रश्न और इसका उत्तर अशुद्ध है। ‘मसृण’ का विलोम है इस प्रश्न के अंत में विवरण चिह्न् (:--) लगेगा, जो कि नहीं लगा है। इसका विलोम शब्द ‘रुक्ष’ होगा जबकि ‘रूक्ष’ शब्द दिया हुआ है। प्रश्न 11 के सभी विकल्प अशुद्ध हैं, क्योंकि किसी भी विकल्प में अनिवार्यत: प्रयुक्त होने वाला पूर्ण विराम चिह्न् नहीं लगाया गया है। विकल्प ‘डी’ में ‘मां’ के स्थान पर मॉं का प्रयोग होगा। यहां पर अयोगवाह-प्रयोगदोष है। प्रश्न 18 का प्रश्न और उसके सभी उत्तर विकल्प गलत दिए गए हैं। प्रश्न है कि, अधोलिखित में अशुद्ध वर्तनी वाला शब्द है। यहां भी प्रश्न के अंत में विवरण चिह्न् नहीं है।

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