- सिविल सेवा परीक्षा में बड़े बदलाव की तैयारी
- सरकार ने गठित की समिति,
- पाठ्यक्रम और उम्र सीमा की करेगी समीक्षा
- पूर्व आइएएस अधिकारी बीएस बसवान होंगे समिति के अध्यक्ष
सिविल सेवा परीक्षा के तौरतरीके, पाठ्यक्रम, योग्यता और उम्र सीमा जैसे मामलों की समीक्षा के लिए सरकार ने एक विशेषज्ञ समिति गठित की है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को यह जानकारी दी। 1उन्होंने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा से जुड़े सभी पहलुओं की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है। इसकी अगुआई छत्तीसगढ़ कैडर के पूर्व आइएएस अधिकारी बीएस बसवान कर रहे हैं।
इसमें वरिष्ठ नौकरशाह, कई प्रमुख शिक्षाविद और तकनीकविद शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही सिविल सेवा परीक्षा के तौरतरीके में बदलाव किया जाएगा। जब तक कमेटी के सुझाव प्राप्त नहीं हो जाते हैं और सरकार उस पर कोई निर्णय नहीं ले लेती, प्रारंभिक परीक्षा में जनरल स्टडीज पेपर-2 (सीसैट) को क्वालिफाइंग प्रश्न पत्र के रूप में रखा जाएगा। इसे उत्तीर्ण करने के लिए न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक की जरूरत होगी। 1जितेंद्र सिंह ने कहा कि मई 2014 में सत्ता संभालने के तुंरत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार से देश भर से लोगों ने सिविल सेवा परीक्षा पैटर्न और पाठ्यक्रम में बदलाव की मांग की थी। उस दौरान यह भी आरोप लगाया गया था कि वर्तमान व्यवस्था से गणित और इंजीनियरिंग के छात्रों को अपेक्षाकृत ज्यादा फायदा मिल रहा है।
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