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Friday, September 18, 2015

सरकार के लिए सचिवालय में 368 पदों पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती बन गई चुनौती, नए सिर से मांगे जा सकते है भर्ती के लिए आवेदन

  • नए सिर से मांगे जा सकते है भर्ती के लिए आवेदन 
  • 22 सितंबर की बैठक में होगा अंतिम निर्णय 

सरकार के लिए सचिवालय में 368 पदों पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती चुनौती बन गई है। सवा तेइस लाख आवेदन पत्र आने के बाद भर्ती प्रक्रिया का स्वरूप तय करने के लिए गठित उप समिति की शुक्रवार को हुई पहली बैठक में कोई ठोस निर्णय तो नहीं हो सका, लेकिन समिति सदस्यों ने अपने-अपने विचार रखे। उम्मीद से अधिक और उच्च शैक्षिक योग्यता के अभ्यर्थी आने के बाद यह मत भी बना है कि अब लिखित परीक्षा को भी भर्ती प्रक्रिया में शामिल करा दिया जाए। इससे भी काफी हद तक स्थिति साफ हो जाएगी। 
परीक्षा निरस्त कर दोबारा आवेदन मांगने और न्यूनतम शैक्षिक योग्यता बढ़ाने पर भी चर्चा हुई। समिति सदस्यों का यह तर्क भी था कि जब भर्ती प्रक्रिया का प्रारूप पहले तैयार कर दिया गया तो उसमे लिखित परीक्षा को जोड़ना नियम विरुद्ध हो जाएगा और लोग अदालत में जा सकते हैं। 

सचिव सचिवालय प्रशासन प्रभात मित्तल का कहना है कि बैठक में मात्र साक्षात्कार और साइकिल चलाने के आधार पर होने वाली भर्ती को किस तरह से कराया जाए, इस पर चर्चा की गई है। समिति की बैठक 22 सितंबर को फिर बैठक बुलाई गई है, जिसमे कोई अंतिम निर्णय किया जाएगा।

सवा दो लाख महिलाएं भी दौड़ में
सचिवालय में चपरासी बनने के लिए जिन 23,24,887 लोगों ने आवेदन किया है, उसमे करीब सवा दो लाख महिलाएं भी शामिल हैं। इसके अलावा चार सौ किन्नरों ने भी नौकरी पाने के लिए आवेदन किया है।1चार साल लग सकते हैं भर्ती प्रक्रिया में 1वैसे तो किसी भी परीक्षा को एक साल में पूरा करने का नियम है। आइएएस व पीसीएस के लिए भी यही अवधि निर्धारित है लेकिन सचिवालय में चपरासी की भर्ती प्रक्रिया में तीन से चार साल तक लग सकता है। खुद सचिवालय प्रशासन के सचिव कहते हैं कि अगर साक्षात्कार के लिए दस बोर्ड बना दिए जाएं और नियमित साक्षात्कार लिए जाएं तो भी इतना समय लगेगा।

चार साल लग सकते हैं भर्ती प्रक्रिया में :
वैसे तो किसी भी परीक्षा को एक साल में पूरा करने का नियम है। आइएएस व पीसीएस के लिए भी यही अवधि निर्धारित है लेकिन सचिवालय में चपरासी की भर्ती प्रक्रिया में तीन से चार साल तक लग सकता है। खुद सचिवालय प्रशासन के सचिव कहते हैं कि अगर साक्षात्कार के लिए दस बोर्ड बना दिए जाएं और नियमित साक्षात्कार लिए जाएं तो भी इतना समय लगेगा।

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