लखनऊ : चुनाव से पहले भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में पारदर्शिता के साथ रिक्त पदों को भरने का वादा किया था। अब सरकार उस राह पर चल पड़ी है। शासन-प्रशासन में समूह ‘क’ से लेकर ‘घ’ तक के 86 हजार रिक्त पद चिह्न्ति किए गए हैं। अब इनको भरने के लिए प्रक्रिया शुरू होनी है। इनमें करीब 19 हजार पदों पर सीधी भर्ती नहीं होनी है। 31 अगस्त तक उप्र लोक सेवा आयोग और उप्र अधीनस्थ चयन सेवा आयोग को इन रिक्तियों का ब्योरा (अधियाचन) भेजा जाना है।
मुख्य सचिव राजीव कुमार ने एक अगस्त को सकरुलर जारी कर चयन वर्ष 2017-18 और 2018-19 की रिक्त एवं संभावित रिक्तियों के संबंध में समय से अधियाचन प्रेषित किए जाने के निर्देश दिए थे। उन्होंने अपर मुख्य सचिव नियुक्ति व कार्मिक दीपक त्रिवेदी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी। प्रदेश भर और विभागों से रिक्त पदों का ब्योरा तलब किया गया। करीब 86 हजार पद रिक्त हैं। इनमें 14 हजार पद चतुर्थ श्रेणी के हैं। इस भर्ती पर रोक लगी है। चतुर्थ श्रेणी के पद आउट सोर्सिग से भरे जाएंगे। पांच हजार समूह ख के ऐसे पद हैं जिन्हें पदोन्नति के जरिए भरा जाएगा। इसके बाद 65 हजार रिक्त पद बच रहे हैं।
इनमें सर्वाधिक पद समूह ग के हैं। इनकी भर्ती अधीनस्थ चयन सेवा आयोग से की जानी है। मुख्य सचिव ने सभी विभागों, अधीनस्थ निदेशालयों, कार्यालयाध्यक्षों से संकलित की गई सूचना के आधार पर हर हाल में 31 अगस्त से पहले उप्र लोक सेवा आयोग और उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को भेजने के निर्देश दिए हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इन रिक्त पदों को भरने में सरकार की रुचि है इसलिए अब तेजी आएगी।
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