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Thursday, November 1, 2018

उत्तर प्रदेश पुलिस को मिले 606 नए दरोगा, एडीजी ने उप निरीक्षकों को दिलाई ईमानदारी पूर्वक कर्तव्य पालन की शपथ

उत्तर प्रदेश पुलिस को मिले 606 दारोगा

जासं, मुरादाबाद : उत्तर प्रदेश पुलिस को 606 नए दारोगा मिल गए। पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य/एडीजी ब्रजराज ने गुरुवार को उप निरीक्षकों के दीक्षा परेड की सलामी पीटीसी मैदान में ली। शीत की सफेद चादर में लिपटे पीटीसी के मैदान में दीक्षा परेड का शुभारंभ सुबह करीब साढ़े आठ बजे हुआ। अपनों को देखने के लिए प्रशिक्षु उप निरीक्षकों के परिजन भी पीटीसी परिसर पहुंचे। परेड कमांडर विनय गुरुदेव के निर्देशन व बैंड की धुन पर उप निरीक्षकों ने मनमोहक कदम ताल किया। एडीजी ने उप निरीक्षकों को ईमानदारी पूर्वक कर्तव्य पालन की शपथ दिलाई।

सर्वाग सवरेत्तम प्रियंका ने पूरा किया पिता का सपना : पासिंग आउट परेड में लगातार दूसरी बार महिलाओं का इकबाल बुलंद रहा। रायबरेली की मूल निवासी प्रियंका सिंह को सर्वाग सवरेत्तम का अवार्ड मिला। प्रियंका के पिता शत्रुघ्न सिंह शिक्षक हैं। मां किरन सिंह गृहणी हैं।

दो भाइयों की इकलौती बहन प्रियंका बताती हैं कि उनके पिता को ही नहीं बल्कि खुद को भी खाकी बचपन से लुभाती रही है। यही वजह रही कि खाकी पहनने का जुनून उनमें था। एक वर्ष तक कठिन परिश्रम के बल पर उन्होंने इंडोर व आउटडोर प्रशिक्षण में ही नहीं बल्कि साक्षात्कार में भी उच्चाधिकारियों को प्रभावित किया। यही वजह रही कि एडीजी ब्रजराज ने प्रियंका को तलवार भेंट की।

आउडोर प्रशिक्षण में बुंदेलखंड के हमीरपुर जिले के विनय गुरुदेव ने बाजी मारी। उनके शिक्षक पिता भैयालाल गुरुदेव व मां कादंबरी देवी ने बेटे का माथा चूमकर हौसलाफजाई की। इसके अलावा उपनिरीक्षक प्रवीण कुमार, यशपाल सिंह, राजन सिंह, नर सिंह, कुमारी रेणुका, रश्मि यादव, संदीप कुमार, रविकांत मिश्र, मनोज कुमार व भूपेंद्र सिरोही को विभिन्न विधाओं में महारत हासिल करने पर मेडल और प्रशस्ति पत्र दिया गया।

अधूरी रह गई 33 उपनिरीक्षकों की तमन्ना : परेड में शामिल होने की तमन्ना 33 प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों की अधूरी रह गई। पीटीसी से मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2011 के 639 प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों की ट्रेनिंग 20 नवंबर 2017 को शुरू हुई थी। इसमें 76 महिलाएं भी थीं। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद दीक्षा परेड का आयोजन हुआ। इसमें महज 606 प्रशिक्षु उपनिरीक्षक ही शामिल हो सके। 21 प्रशिक्षु उपनिरीक्षक साक्षात्कार में अनुत्तीर्ण रहे, जबकि 12 का प्रशिक्षण विभिन्न कारणों से समय से पूरा नहीं हो सका। ऐसे में 33 उपनिरीक्षकों की परेड में शामिल होने की तमन्ना फिलहाल अधूरी रह गई

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