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Thursday, September 13, 2018

UPPSC : सीबीआइ के निशाने पर अब पूरा उप्र लोकसेवा आयोग, एपीएस भर्ती- 2010 में फर्जीवाड़े के संदिग्ध अफसर हैं कार्यरत

सीबीआइ के निशाने पर अब पूरा उप्र लोकसेवा आयोग

रिकॉर्ड हुए सील : कॉपी में उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों की जांच तेज

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : परिषदीय स्कूलों की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा का परिणाम अब नए सिरे से खंगाला जा रहा है। इसमें उन अभ्यर्थियों की कॉपी देखी जा रही हैं, जो रिजल्ट में फेल हुए और उत्तर पुस्तिका पर दर्ज अंकों से उत्तीर्ण हो रहे हैं। कोर्ट में लंबित कई प्रकरण सामने आ चुके हैं, जबकि तमाम मामले अब भी कॉपियों पर ही दर्ज हैं। उन सभी को सूचीबद्ध किया जा रहा है। साथ ही शासन ने भी कुछ उत्तर पुस्तिकाओं की रिपोर्ट मांगी थी, जिसे भेजा गया है। शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा के परिणाम पर घमासान मचा है। आए दिन कोई न कोई ऐसा प्रकरण सामने आ रहा है, जिससे परीक्षा संस्था की किरकिरी हो रही है। संबंधित पेज06।शिक्षक भर्ती में गोलमालकसा शिकंजाएपीएस भर्ती 2010 में फर्जीवाड़े के संदिग्ध अफसर हैं कार्यरत

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : पीसीएस समेत अन्य बड़ी परीक्षाओं में गड़बड़ी की सीबीआइ जांच में गंभीर खामियां उजागर हो चुकी हैं। अब बारी अपर निजी सचिव भर्ती परीक्षा 2010 की जांच की है। उप्र लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) की सीबीआइ जांच में अभी तक पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल यादव समेत उनके कई सिपहसालार ही फंस रहे थे, अब पूरा यूपीपीएससी ही सीबीआइ के निशाने पर होगा।


एपीएस भर्ती में अभ्यर्थियों की ओर से मिली शिकायतें और अन्य भर्तियों की जांच के दौरान सीबीआइ ने अघोषित रूप से जो दस्तावेज खंगाले उसमें यूपीपीएससी में कार्यरत 15-20 अधिकारी अपने करीबियों, रिश्तेदारों और परिवारीजन का चयन करवाने में जांच अधिकारियों के सीधे निशाने पर हैं। इन अधिकारियों के नाम तक शिकायतकर्ताओं ने सीबीआइ को सौंप दिए हैं। सूत्र बताते हैं कि शिकायतों के आधार पर प्राथमिक छानबीन करने के बाद ही सीबीआइ ने एपीएस भर्ती 2010 की जांच की तैयारी की और 19 जून को पत्र उप्र शासन को भेजा, जबकि सचिवालय में तैनात तमाम बड़े अफसरों पर भी जांच की आंच आनी तय है। जांच का नोटिफिकेशन सीबीआइ की ओर से अभी जारी नहीं हुआ है लेकिन, चेहरा बेनकाब होने के डर से यूपीपीएससी से लेकर सचिवालय तक खलबली मची है। यूपीपीएससी दरअसल उत्तर प्रदेश में राजकीय सेवाओं के लिए अफसरों का चयन करने वाली सबसे बड़ी परीक्षा संस्था है और गड़बड़ी के सबसे गंभीर आरोप भी यूपीपीएससी पर ही लगे हैं। अपर निजी सचिवों की भर्ती में गड़बड़ी और प्रदेश सरकार के भी कड़ा रुख अपनाए जाने के कदम से यूपीपीएससी की कार्यशैली ही नहीं, इसकी निष्पक्षता पर भी गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।

उप्र लोकसेवा आयोग ने एपीएस भर्ती 2010 में गड़बड़ी की शिकायतों और प्रदेश सरकार की ओर से सीबीआइ जांच की संस्तुति होने के बाद परीक्षा संबंधित सभी रिकॉर्ड खुद ही सील कर दिया है। जिन्हें सीबीआइ की ओर से मांगे जाने पर खोला जाएगा। अभिलेखों से कोई छेड़छाड़ न करने पाए और सीबीआइ की ओर से मांगे जाने पर कोई भी अभिलेख तुरंत उपलब्ध कराया जा सके, इसके मद्देनजर रिकार्ड सुरक्षित रखे गए हैं।

>>जांच शुरू हुई तो परीक्षा संस्था का चेहरा होगा बेनकाब

>>तमाम बड़े अफसरों पर भी जांच की आंच आनी तय

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