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Tuesday, September 25, 2018

मिनिस्टीरियल स्टाफ की कमी होगी पूरी, लिपिक, लेखा और गोपन कार्य के लिए लंबे समय बाद होंगे नए चयन

मिनिस्टीरियल स्टाफ की कमी होगी पूरी

लिपिक, लेखा और गोपन कार्य के लिए लंबे समय बाद होंगे नए चयन
पीएचक्यू

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : उप्र पुलिस मुख्यालय के मिनिस्टीरियल स्टाफ यानि लिपिक, लेखा और गोपन कर्मियों की भर्ती के लिए पुलिस भर्ती बोर्ड की ओर से प्रयास तेज हो गए हैं। 2016 में घोषित भर्ती की जो परीक्षा सपा सितंबर 2017 में कुछ तकनीकी खामियों के चलते निरस्त हो गई थी उसी पर नए सिरे से लिखित परीक्षा होनी है।

पुलिस मुख्यालय में मिनिस्टीरियल स्टाफ की भर्ती 2005 से न होने के चलते कामकाज पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। दिसंबर 2016 में पुलिस उप निरीक्षक (गोपनीय) के 136, पुलिस सहायक उप निरीक्षक (लिपिक) के 303 और पुलिस सहायक उप निरीक्षक (लेखा) के 170 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए 22 दिसंबर 2016 को जारी विज्ञापन के आधार पर आवेदन लिए गए थे और भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। 13 सितंबर 2017 को प्रदेश के विभिन्न जिलों और गाजियाबाद के एक परीक्षा केंद्र पर 18 सितंबर 2017 को लिखित परीक्षा (सीबीटी) कराई गई थी। इसमें अभ्यर्थियों ने रिस्पांस शीट के संबंध में की गई आपत्तियों को सही पाए जाने पर भर्ती बोर्ड की ओर से परीक्षा निरस्त कर दी गई थी। उप्र पुलिस मुख्यालय के अनुभाग 18 की मानें तो इस भर्ती को पूरा करने के लिए पुलिस भर्ती बोर्ड से प्रयास तेज हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि 2016 में घोषित इन 609 पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद मुख्यालय में विभिन्न अनुभागों में कामकाज कुछ पटरी पर लौटेगा। करीब 13 साल से लिपिकीय, लेखा और गोपन संवर्ग में भर्ती न होने से फाइलों के निस्तारण में कार्यरत कर्मियों को अतिरिक्त बोझ सहना पड़ रहा है।

पांच हजार से अधिक दारोगा की भर्ती जल्द: प्रदेश पुलिस में उप निरीक्षकों के 5234 पदों पर नई भर्ती जल्द होगी। पुलिस भर्ती बोर्ड को इसका अधियाचन उप्र पुलिस मुख्यालय से जुलाई माह में ही भेजा गया है। इसके अलावा मृतक आश्रित कोटे के तहत 639 पदों पर भर्ती के लिए भी प्रकिया चल निकली है। पुलिस मुख्यालय के कार्मिक विभाग के अनुसार इन दोनों ही भर्तियों के भेजे गए अधियाचन पर पुलिस भर्ती बोर्ड को परीक्षा का निर्णय लेना है।

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