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Thursday, September 27, 2018

माध्यमिक स्कूलों में प्रधानाचार्य भर्ती की कार्ययोजना तलब, कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव से 28 सितम्बर तक हलफनामा दाखिल करने का दिया है निर्देश

: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य के खाली पदों को भरने के लिए समयबद्ध कार्ययोजना पेश करने का राज्य सरकार को निर्देश दिया है। राजकीय इंटर कालेजों में 733, राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूलों में 364, अशासकीय विद्यालयों में 1824 व राजकीय वित्तपोषित उच्च माध्यमिक स्कूलों में 1312 प्रधानाचार्यो/प्रधानाध्यापकों के पद खाली हैं। कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव (माध्यमिक शिक्षा) से 28 सितंबर तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी ने हरिश्चंद्र की याचिका पर दिया है। इससे पहले कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि माध्यमिक स्कूलों में प्रधानाचार्यो के कितने पद भरे हैं और कितने खाली हैं। कोर्ट को बताया गया कि 2018 में 163 पदों को भरा जाएगा। अन्य पदों के लिए चयन समिति की बैठक में निर्णय लिया जाएगा। 2011 में 955 पदों को भरने का विज्ञापन निकाला गया था।

याचिका लंबित रहने के कारण परिणाम घोषित नहीं किया जा सका है। वरिष्ठता का विवाद चल रहा है। वर्तमान में उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को 948 प्रधानाचार्यो के पद भरने का प्रस्ताव मिला है। कुल 3136 खाली पदों में से 2502 पदों को भरने पर विचार चल रहा है। शेष 634 पद भरने का प्रस्ताव शीघ्र भेजा जाएगा। अगले तीन सालों में खाली होने वाले पदों को ध्यान में रख कार्यवाही की जा रही है।अनिवार्य शिक्षा कानून और नियमावली लागू करे सरकार

विसं, इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अनिवार्य शिक्षा कानून 2009 और नियमावली 2011 को पूरी तरह से लागू करने के लिए राज्य सरकार को कदम उठाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा से 28 सितंबर को अनुपालन रिपोर्ट के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी ने प्रबंध समिति, नागेश्वर प्रसाद पीएमवी देवरिया की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने पूछा था कि क्या राज्य सरकार या बेसिक शिक्षा परिषद के पास स्कूलों के अध्यापकों व स्टॉफ का कंप्यूटरीकृत डाटा उपलब्ध है? यदि नहीं तो परिषद डाटा तैयार करे।

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