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Sunday, August 19, 2018

UPPSC : पीसीएस-जे में अवसर बढ़ाने पर असमंजस बरकरार, अगले माह शुरू हो सकती है परीक्षा प्रक्रिया

पीसीएस जे परीक्षा में अवसर बढ़ाने पर असमंजस बरकरार

प्रक्रिया शुरू हो सकती है अगले माह, अभ्यर्थियों को नहीं है राहत

सत्र नियमित करने को लेकर वार्ता आज

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : यूपीपीएससी से होने वाली परीक्षाओं के सत्र नियमित करने और प्रणाली में सुधार के लिए सोमवार को मांग होगी। अभ्यर्थियों को उनका अधिकार दिलाने के लिए संचालित संगठन भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा इस संबंध में अध्यक्ष, सचिव और परीक्षा नियंत्रक को ज्ञापन सौंपेगा। संगठन के अध्यक्ष कौशल सिंह ने बताया कि रविवार को इस संबंध में बैठक हुई है। इसमें पीसीएस 2016 की मुख्य परीक्षा के परिणाम दो साल में भी जारी न होने, आरओ-एआरओ 2016 की परीक्षा अब तक निरस्त न किए जाने, आरओ-एआरओ 2017 की प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम चार महीने में भी जारी न होने और राज्य अभियंत्रण सेवा परीक्षा के परिणाम दो साल में भी जारी न हो सकने को लेकर चर्चा हुई। बताया कि सोमवार को दिन में 11 बजे यूपीपीएससी पहुंचकर इस संबंध में अधिकारियों से जानकारी ली जाएगी।
यूपीपीएससी

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : पीसीएस जे परीक्षा 2018, में शामिल किए जाने तथा अतिरिक्त अवसर दिए जाने की मांग कर रहे अभ्यर्थियों को राहत मिलने की उम्मीद कम है। आगामी परीक्षा में पदों की संख्या सर्वाधिक होने के बावजूद उन्हें मौका मिलने के आसार नहीं हैं। उप्र लोक सेवा आयोग यानि अगले माह परीक्षा की प्रक्रिया शुरू करेगा, जबकि प्रदेश शासन से अभी तक अवसर बढ़ाने को लेकर कोई संकेत नहीं मिले हैं।1उप्र न्यायिक सेवा यानि पीसीएस जे परीक्षा 2018, में इस बार पदों की संख्या पिछली परीक्षाओं से काफी अधिक है। 386 पदों का अधियाचन के पास आ चुका है, इसमें वृद्धि होने की संभावना है। 2012 में पीसीएस जे परीक्षा में पदों की संख्या 76, 2013 में 125, 2015 में 197 और 2016 में 218 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा हुई थी। के मानक के अनुसार पीसीएस जे परीक्षा में अभ्यर्थियों को शामिल होने के लिए चार अवसर ही निर्धारित हैं। यह अवसर उप्र न्यायिक सेवा नियमावली 2001 के तहत निर्धारित हैं। जिन अभ्यर्थियों के चार अवसर पूरे हो चुके हैं इस बार पदों की संख्या अधिक होने से शामिल करने की गुहार लगाई है। में कई अभ्यर्थियों के प्रत्यावेदन आए हैं, इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी प्रत्यावेदन दिए गए हैं। परीक्षा की तैयारी सितंबर में शुरू होगी। के सचिव जगदीश का कहना है कि उनके यहां ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं बना है। शासन से भी अतिरिक्त अवसर देने के संबंध में कोई निर्देश नहीं मिले हैं।

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