इलाहाबाद : उप्र लोकसेवा आयोग से पीसीएस 2015 परीक्षा में अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिका जांचने व साक्षात्कार लेने के बदले जिन परीक्षकों को नगद भुगतान हुआ, या जिनका भुगतान हुआ ही नहीं उन्हें सीबीआइ समन भेजेगी। कैंप कार्यालय में ऐसे परीक्षकों को संदिग्ध मानकर उन्हें सूचीबद्ध कर लिया गया है। करीब दो दर्जन परीक्षकों से पूछताछ की तैयारी है।
■ कैंप कार्यालय में होगी पूछताछ, दो दर्जन परीक्षकों की बनी सूची
■ कापियां जांचने व साक्षात्कार लेने के बाद भुगतान में नियम ताक पर
आयोग में रिकार्ड जुटाने व कंप्यूटर से परीक्षाओं के डाटा लेने के दौरान सीबीआइ को कर्मचारियों से ही इन परीक्षकों के भी अभ्यर्थियों के गलत चयन में साठगांठ की जानकारी मिली थी।
आयोग से होने वाली परीक्षाओं में परीक्षकों को पारिश्रमिक भुगतान चेक से करने का नियम है। भर्तियों की जांच कर रहे सीबीआइ अफसरों को जानकारी मिली कि तमाम परीक्षकों को पीसीएस 2015 में मुख्य परीक्षा की कापियां जांचने व साक्षात्कार लेने के बदले नगद भुगतान किए गए।
आयोग में जिन कर्मियों को सीबीआइ अफसरों ने विश्वास में लिया उनसे जानकारी मिली कि पूर्व अध्यक्ष के कार्यकाल में जितने भी अभ्यर्थियों के चयन गलत हुए उनमें इन परीक्षकों की भी भूमिका है। सीबीआइ अफसरों को आयोग में छानबीन के दौरान इससे संबंधित रिकार्ड भी मिले। पता चला कि करीब दो दर्जन परीक्षकों/विशेषज्ञों को चेक से पारिश्रमिक भुगतान न करके नगद भुगतान किए गए।
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