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Thursday, May 10, 2018

पूर्व सरकार में मनचाही पॉस्टिंग पाए नवनियुक्त पीसीएस अफसरों पर सीबीआइ का फोकस, खंगाली जा रही बैंक एकाउंट और संपत्ति

6:21:00 PM




■ पीसीएस 2015 में कई को मिला था पूर्व सीएम के करीबी होने का फायदा

■ सीबीआइ की टीमें जिलों में जाकर खंगाल रहीं बैंक एकाउंट और संपत्ति



इलाहाबाद : उप्र लोकसेवा आयोग से पीसीएस 2015 परीक्षा में चयनित कई अफसरों को मनमाने तरीके से उत्तीर्ण ही नहीं कराया गया, बल्कि उन्हें मनचाही जगह तैनाती भी मिली। ये चयनित पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा के अन्य शीर्ष नेताओं के करीबी रहे हैं।

भर्तियों की जांच कर रहे सीबीआइ अफसरों का फोकस अब इन चयनितों की ओर है। सीबीआइ ने इन पीसीएस अधिकारियों का भी ब्योरा जुटाना शुरू कर दिया है। उनके बैंक एकाउंट, चयन से पहले और बाद की संपत्ति को खंगाला जा रहा है। शीघ्र ही इन सभी को पूछताछ के लिए बुलाए जाने की तैयारी है।


पीसीएस 2015 में 521 अधिकारियों का चयन हुआ था। इनमें करीब एक सैकड़ा अधिकारियों के चयन मनमाना मानते हुए सीबीआइ सभी का ब्योरा एकत्र कर रही है। इसमें चयन में धांधली, मॉडरेशन के अंक बढ़ाकर देने, स्केलिंग में मनमानी आदि की जांच के अलावा यह भी पता लगाया जा रहा है कि सपा के शीर्ष नेताओं से उनका क्या रिश्ता रहा है। उस रिश्ते का उन्हें किस तरह से लाभ दिया गया। परीक्षा में अंतिम रूप से उत्तीर्ण होने के बाद उन्हें मनचाही जगह पर तैनाती मिली। सीबीआइ ने इन चयनितों के बैंक एकाउंट नंबर हासिल कर लिए हैं साथ ही उनकी संपत्ति खंगाली जा रही है। सीबीआइ की कई टीमें विभिन्न जिलों में जाकर इसका पता लगा रही हैं।

आयोग के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के बाद सीबीआइ ने जांच को तेज करते हुए ऐसे आठ-दस पीसीएस अफसरों के बारे में अधिकांश ब्योरा जुटा लिया है। सूत्र बताते हैं कि पिछले महीने इलाहाबाद स्थित कैंप कार्यालय में समन भेजकर बुलाए गए जिन चयनितों से पूछताछ हुई थी उसमें दो चयनितों से पता चला था कि कई अभ्यर्थी पूर्व सीएम और सपा के अन्य शीर्ष नेताओं के करीबी रहे हैं।

सीबीआइ की टीमें मेरठ व अलीगढ़ से लेकर फीरोजाबाद तक फैली हैं। कई चयनितों से उनके तैनाती वाले जिले में भी पूछताछ हुई है। संदिग्धों को समन भेजने की तैयारी है।

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