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Sunday, May 20, 2018

आयोग से बनाए परीक्षा केंद्र संदेह के दायरे में, सीबीआइ ने केंद्रों की सूची कब्जे में ली, पीसीएस 2015 में पेपर लीक प्रकरण में खंगाल रहे जांच अधिकारी

इलाहाबाद : उप्र लोक सेवा आयोग से पांच साल में हुई भर्तियों की जांच सिर्फ इसलिए शुरू हुई थी कि दाल में कुछ काला होने का आरोप था। लेकिन, जांच में सामने आ रहा है कि पूरी दाल ही काली है। किसी बड़े नतीजे की ओर बढ़ रहे सीबीआइ अफसरों को अब यह पता चला है कि पीसीएस सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में जिन केंद्रों का निर्धारण हुआ, वह भी नियम विरुद्ध था। परीक्षा केंद्र में मानक को ताख पर रखा गया। तत्कालीन शासन भी मौन साधे रहा।



एसपी राजीव रंजन के निर्देशन में 50 से अधिक सीबीआइ अफसरों ने परीक्षा केंद्रों की सूची कब्जे में ले ली है। आयोग से यह जानकारी ली जा रही है कि परीक्षा केंद्र बनाने के नियम क्या है, केंद्र निर्धारण के लिए कौन जाता है और किन मानकों का ध्यान रखा जाता है। सीबीआइ को यह भी पता चला है कि पांच साल के दौरान कई डिबार हुए परीक्षा केंद्रों को पुन: केंद्र बनाया गया। पता लगाया जा है कि इसकी अनुमति किसने दी। परीक्षा केंद्र निर्धारण के लिए अंतिम रूप से कौन उत्तरदायी है। पीसीएस 2015 परीक्षा में पेपर लीक प्रकरण को भी सीबीआइ ने गहन छानबीन का बिंदु बनाया है। जिस केंद्र से पेपर लीक हुआ उसके प्रबंधक और प्राचार्य कौन थे तथा उप्र लोक सेवा आयोग की इसकी क्या भूमिका थी।



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