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Sunday, April 8, 2018

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में LLM कोर्स इसी सत्र से, UGC को भेजा गया प्रस्ताव, मंजूरी के बाद जुलाई सत्र से ही दिया जाएगा प्रवेश

दो साल का होगा कोर्स, आयु की कोई सीमा नहीं
एलएलएम,
एलएलबी के बाद किया जा सकेगा। इसकी अवधि दो वर्ष रखी गई है। आवेदक के लिए अधिकतम आयु की कोई सीमा नहीं रखी गई है। इसे कोई भी अपना काम करते हुए कर सकेगा। इसकी फीस 20 हजार रुपये रखी गई है। 1एलएलएम में प्रवेश के लिए नहीं होगी प्रवेश परीक्षा1एलएलएम में प्रवेश के लिए कोई प्रवेश परीक्षा नहीं आयोजित की जाएगी। कोई भी एलएलबी किया हुआ व्यक्ति किसी भी उम्र का एलएलएम में प्रवेश ले सकेगा।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को भेजा गया प्रस्ताव, मंजूरी के बाद जुलाई सत्र से ही दिया जाएगा प्रवेश


इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने इसी सत्र से एलएलएम (विधि में परास्नातक) कोर्स शुरू करने का फैसला लिया है। कोई भी एलएलबी किया हुआ व्यक्ति यह कोर्स कर सकेगा। बोर्ड ऑफ स्टडीज व विद्वत परिषद ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। प्रस्ताव को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की मंजूरी का इंतजार है। यूजीसी की मंजूरी मिलते ही इसे शुरू कर दिया जाएगा।


विधि के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए अभी इंटरमीडिएट के बाद एलएलबी (त्रिवर्षीय), बीए एलएलबी (पांच वर्षीय) कोर्स संचालित हैं। सभी कोर्स रेगुलर मोड में हैं। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केएन सिंह ने बताया कि दूरस्थ शिक्षा मोड में एलएलएम कोर्स शुरू करने के पीछे मकसद विधि के क्षेत्र में काम कर रहे ऐसे लोगों को अवसर देना है जो किसी कारणवश विधि में परास्नातक नहीं कर पाए।


देश में हजारों ऐसे अधिवक्ता हैं जो एलएलएम करना चाहते हैं पर उम्र अधिक होने व रेगुलर मोड में होने के कारण नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए यह कोर्स डिजाइन किया गया है। एलएलएम कोर्स का खाका तैयार कर लिया गया है। इसे इसी अकादमिक सत्र से शुरू करने की योजना है। बोर्ड ऑफ स्टडीज ने इसे मंजूरी दे दी है। अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग में इस प्रस्ताव को भेजा है। उम्मीद है कि यूजीसी जल्द ही इसपर अनुमति दे दे। अनुमति के बाद इसे जुलाई सत्र से शुरू कर दिया जाएगा।

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