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Saturday, April 14, 2018

शिक्षक भर्तियों में लेटलतीफी के टूट गए रिकार्ड, आरोपों के उलट बसपा और सपा शासनकाल की भर्तियां अब भी अटकी

इलाहाबाद : योगी सरकार पर भर्तियों में देरी करने की गूंज कई माह से सुनाई पड़ रही है। वहीं, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र में भर्तियों की तस्वीर आरोपों के बिल्कुल उलट है, जो भर्तियां बसपा और सपा शासनकाल में घोषित हुईं वह अब तक पूरी नहीं हो सकी हैं। 12720 पदों की भर्तियां जितने वर्षो से अटकीं हैं, उससे अधिक चयन बोर्ड के अध्यक्ष बदल चुके हैं। भर्तियों के जो प्रकरण न्यायालय तक पहुंचे उनकी ठीक से पैरवी करके स्टे  तक कराने के प्रयास नहीं हुए।



चयन बोर्ड की लंबित भर्तियों में पहला विज्ञापन 27 जून, 2011 को जारी हुआ। इसमें प्रधानाचार्य, प्रवक्ता व प्रशिक्षित स्नातक के पदों पर नियुक्तियां होनी थी। इसमें संस्था प्रधान का कानपुर मंडल का साक्षात्कार होना शेष है, बाकी मंडलों का रिजल्ट घोषित करने पर कोर्ट ने रोक लगाकर रखी है।


प्रवक्ता पद की लिखित परीक्षा लंबे समय बाद हुई। उसमें से मनोविज्ञान, वनस्पति विज्ञान, नागरिक शास्त्र, हंिदूी, वाणिज्य व इतिहास का परीक्षा परिणाम जारी हुआ है और 15 विषयों का रिजल्ट घोषित होना शेष है। प्रशिक्षित स्नातक में हंिदूी, संस्कृत, विज्ञान विषय की लिखित परीक्षा का परिणाम जारी व 11 विषयों का रिजल्ट आना शेष है। इसके बाद साक्षात्कार होंगे।



इसी तरह से 2013 की भर्ती का विज्ञापन 31 दिसंबर, 2013 को जारी हुआ। इसमें से प्रवक्ता इतिहास व सिलाई का परिणाम आना शेष है, प्रशिक्षित स्नातक का चयन हो चुका है, जबकि संस्था प्रधान पदों का साक्षात्कार अभी नहीं हो सका है। 2016 की भर्ती का विज्ञापन पांच जून, 2016 को जारी हुआ।

यही नहीं, सपा शासनकाल में राजकीय कालेजों की एलटी ग्रेड भर्ती का विज्ञापन 2016 में जरूर जारी हुआ लेकिन, अब उसकी भर्ती प्रक्रिया आगे बढ़ सकी है।

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